सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में अभियोजक को हटाए जाने के खिलाफ दायर आवेदन पर यह कहते हुए खुद को सुनवाई से अलग किया कि उन्होंने मामले में कुछ आरोपियों की पैरवी की थी.
जस्टिस ललित के फैसले के बाद शुक्रवार को इस केस की सुनवाई स्थगित हो गई. अब मालेगांव केस की सुनवाई सोमवार को होने की उम्मीद है. अदालत में दो याचिकाएं दायर करके महाराष्ट्र सरकार और नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी पर हिंदू चरमपंथियों के खिलाफ नरमी बरतते के आरोप लगाए गए थे.
मालेगांव में साल 2008 में रमजान के दौरान हुए ब्लास्ट में मुस्लिम समुदाय के 4 लोग मारे गए थे. इस मामले में दक्षिणपंथी चरमपंथियों पर आरोप हैं.