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सुप्रीम कोर्ट में जज लोया मौत मामले की सुनवाई शुरू

पिछली बार सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को अपने सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि कई अखबार और मीडिया ग्रुप ने जज लोया की मौत पर सवाल उठाया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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आज सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत की जांच के मामले की सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मसले को काफी गंभीर बताया था. कोर्ट ने इस केस से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में करने पर रोक लगा दी थी. सभी केसों को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने को कहा गया था. आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई CJI दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच कर रही है.

पिछली बार सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को अपने सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि कई अखबार और मीडिया ग्रुप ने जज लोया की मौत पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई नियमानुसार होगी, सभी वकीलों को कोर्ट के साथ कॉपरेट करना चाहिए.

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि जस्टिस लोया बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे. 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर को गुजरात पुलिस ने अगवा किया और हैदराबाद में हुई कथित मुठभेड़ में उन्हें मार दिया गया था. सोहराबुद्दीन मुठभेड़ के गवाह तुलसीराम की भी मौत हो गई थी. इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का भी नाम जुड़ा था.

मामले से जुड़े ट्रायल को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ट्रांसफर किया था. इस मामले की सुनवाई पहले जज उत्पत कर रहे थे, लेकिन इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सुनवाई में पेश नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी. जिसके बाद उनका तबादला हो गया था. इसके बाद जस्टिस लोया के पास इस मामले की सुनवाई आई थी.

दिसंबर, 2014 में जस्टिस लोया की नागपुर में मौत हो गई थी. जिसे संदिग्ध माना गया था. जस्टिस लोया की मौत के बाद जिन जज ने इस मामले की सुनवाई की, उन्होंने अमित शाह को मामले में बरी कर दिया था.

हाल ही में कुछ समय पहले एक मैग्जीन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि जस्टिस लोया की मौत साधारण नहीं थी बल्कि संदिग्ध थी. जिसके बाद से ही यह मामला दोबारा चर्चा में आया. लगातार इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी रही है. हालांकि, जज लोया के बेटे अनुज लोया ने कुछ दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर इस मुद्दे को बड़ा करने पर नाराजगी जताई थी. अनुज ने कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी, वह इस मसले को बढ़ना देने नहीं चाहते हैं.

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