सुप्रीम कोर्ट के जज रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस महीने शुरू किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान ’ की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण की रक्षा व संरक्षण की दिशा में एक कदम है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट भी अग्रणी रहा है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के चौथे स्थापना दिवस पर एक समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट ने की थी. कोर्ट ने ही पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन कर खनन करने पर रोक लगाई थी. गोगोई ने अपने उस फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि ओडिशा के नियामगिरी की पहाड़ियों में वेदांता समूह के बॉक्साइट खनन परियोजना को ग्राम सभा से अनुमति मिलने तक स्थगित रखा जाए.
उन्होंने कहा, ‘18 अप्रैल 2013 को ओड़िशा में खनन पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय शुरुआती बिंदु है. नियामगिरी की पहाड़ियों में बॉक्साइट खनन को आदिवासियों द्वारा सर्वसम्मति से खारिज कर देना ऐतिहासिक जनमत संग्रह है.’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत में पर्यावरणीय विकास का नया रास्ता है. हाल में शुरू किया गया ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर्यावरण की रक्षा व संरक्षण के सिद्धांत का ही हिस्सा है.’
इनपुट: भाषा