उच्चतम न्यायालय के 20 न्यायाधीशों के साथ अपनी संपत्ति की घोषणा करने वाले प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति के जी बालाकृष्णन के पास सचल संपत्ति के रूप में एक सैंट्रो कार और 20 स्वर्णाभूषणों के अलावा अचल संपत्ति के रूप में 3 घर और 2 भूखंड हैं.
शेयरों में कोई निवेश नहीं
उन्होंने शेयर और सावधिक जमा के रूप में कोई निवेश नहीं किया है, लेकिन उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर भारत के प्रधान न्यायाधीश द्वारा की गयी घोषणा से पता चलता है कि उनके पास 18.08 लाख रुपये की अचल संपत्ति है, जिसमें केरल के कानायानुर ताल्लुक में स्थित त्रिकाकारा दक्षिण गांव के 15 प्रतिशत भूंखड में बना घर शामिल नहीं है, क्योंकि घोषणा में इसकी कीमत नहीं लगायी गयी है.
लंबी कानूनी लड़ाई का परिणाम
प्रधान न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों के द्वारा अपनी संपत्ति की घोषणा के साथ ही सूचना के अधिकार संबंधी याचिकाओं के कारण उपजा वह विवाद शांत हो गया है, जिसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी चाही गयी थी, जिसे लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गयी.