सुप्रीम कोर्ट में जजों के वरिष्ठता क्रम में नंबर दो जस्टिस जे चेलमेश्वर के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी हो गया है. चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की ओर से जारी किया नया रोस्टर दो जुलाई से प्रभावी होगा.
सुप्रीम कोर्ट में रोस्टर सिस्टम लागू होने के बाद पहला रोस्टर सर्दी की छुट्टियां खत्म होने के कुछ दिनों बाद यानी पांच फरवरी को जारी हुआ था. अब ये दूसरा रोस्टर गर्मी की छुट्टियां खत्म होने और जस्टिस चेलमेश्वर के रिटायर होने के बाद आ रहा है. नए रोस्टर के मुताबिक भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ही जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे.
नए रोस्टर के मुताबिक चीफ जस्टिस जनहित याचिका, चुनाव संबंधी याचिका, कोर्ट की अवमानना से संबंधित याचिका, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले, संवैधानिक पदों पर नियुक्ति सहित अन्य महत्त्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेंगे.
जस्टिस रंजन गोगोई के पास रहेंगे ये मामले
वरिष्ठता क्रम में अब दूसरे नंबर के जज जस्टिस रंजन गोगोई के पास कोर्ट की अवमानना, धार्मिक मामले, पर्सनल लॉ, बैंकिंग, सरकारी ठेके, आपराधिक, श्रम, टैक्स , भूमि अधिग्रहण, सिविल, सामान्य पैसों के मामले, न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, सरकारी ठेके व एक्साइज के अलावा RBI, SEBI आदि मामले रहेंगे.
जस्टिस जे चलमेश्वर के पास आपराधिक, श्रम, टैक्स, भूमि अधिग्रहण, सिविल, सामान्य पैसों के मामले, न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, भूमि अधिनियम संबंधी मामले, समुंद्री कानून आदि मामले थे. देखा जाए तो जस्टिस रंजन गोगोई के मुकाबले जस्टिस चेलमेश्वर के पास कम महत्वपूर्ण समझे जाने वाले मामले थे.
जस्टिस मदन बी लोकुर के पास रहेंगे ये मामले
तीसरे नंबर के जज जस्टिस मदन बी लोकुर के पास वन सरंक्षण के मामले, भूमि, जल, पेड़ समेत पर्यावरण संबंधी केस, पैरामिलेट्री फ़ोर्स, सेना, धार्मिक मामले आदि सुनवाई के लिए भेजे जाएंगे.
चौथे नंबर के जज जस्टिस कुरियन जोसफ के पास श्रम, रेंट एक्ट, फैमिली लॉ, पर्सनल लॉ, धार्मिक मामले, अदालत की अवमानना आदि से सम्बंधित मुकदमे जाएंगे.
पांचवें नंबर के जज जस्टिस ए के सीकरी के पास चुनाव संबंधी याचिका, अपराध, पर्सनल लॉ, आपराधिक, सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट/ निचली अदालत/ ट्रिब्युनल के कर्मियों संबंधी मामले व अवमानना संबंधी मामले होंगे.
42 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए जस्टिस चेलमेश्वर
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे. चेलमेश्वर 22 जून को रिटायर हो गए. उन्होंने बार और बेंच में 42 साल तक काम किया. रिटायर होने के बाद जस्टिस चेलमेश्वर ने 'इंडिया टुडे' को खास इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अपने 42 साल के करियर में कोई पछतावा नहीं है.
साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या संस्था की विश्वसनीयता संकट में हो सकती है तो उन्होंने कहा, 'कभी-कभी हो सकती है.' बता दें, जस्टिस जे. चेलमेश्वर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चार न्यायाधीशों में शामिल थे.