राजधानी में पार्किंग व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है. दिल्ली में पार्किंग व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारें और अथॉरिटी आम लोगों के लिए सड़क पर चलने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बनाने में बिल्कुल असफल हो गई हैं.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सभी नगर निगमों और कैंट बोर्ड को निर्देश है कि पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाए गए हैं, उस पर अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने कहा, निकाय अतिक्रमण करने वालों को 15 दिन का नोटिस देकर जगह खाली करने को कहें. नोटिस पर अमल न करने की स्थिति में अथॉरिटी जबरन फुटपाथ खाली कराए. इसका खर्चा अतिक्रमण करने वाले से वसूला जाए. इस मामले में अब अगली सुनवाई अगले साल यानी 13 जनवरी 2020 को होगी.
कोर्ट ने दिल्ली मेंटिनेंस एंड मैनेजमेंट ऑफ पार्किंग प्लेसेस नियम, 2019 को ट्रायल के तौर पर 30 सितंबर तक लागू करने का आदेश दिया. नियम लागू करने के बाद सभी अथॉरिटी ये देखेंगी कि रूल्स को जमीन पर उतारने के लिए और क्या-क्या कदम उठाने या सुधार करने जरूरी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, दिल्ली सरकार किसी भी बिल्डिंग को बनाने की इजाजत देने से पहले ये सुनिश्चित प्लानिंग कर ले कि अगले 25 साल तक पार्किंग की व्यवस्था कैसे होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दिल्ली सरकार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) और नगर निगम व्यावसायिक जगहों पर पार्किंग के लिए ये सुनिश्चित करें कि आरआईएफडी टैग्स, पार्किंग गाइड लाइन व पब्लिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम लगे.