आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को होने वाले नुकसान पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा है कि अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए इस तरह का काम करना बिल्कुल सही नहीं है. अपनी मांगें पूरी कराने के लिए लोग सार्वजनिक संपत्ति को बर्बाद नहीं कर सकते.
कोर्ट ने कहा कि ऐसे आंदोलनों के लिए हमें निश्चित रूप से कुछ नियम बनाने होंगे और नुकसान की स्थिति में आंदोलन में शामिल रहे लोग और राजनीतिक पार्टियां इसकी भरपाई करें.
सुप्रीम कोर्ट ने यह बातें गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हार्दिक पटेल के मामले की सुनवाई के दौरान कहीं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर टिप्पणी नहीं की.