सुप्रीम कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र और सीएए विरोधी एक्टिविस्ट शरजील इमाम के खिलाफ देश की विभिन्न अदालतों में मुकादमा चलाने पर रोक लगाने से इनकार किया है. साथ ही शीर्ष कोर्ट ने मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश से दो सप्ताह के भीतर इस मसले पर हलफनामा दायर करने को कहा है.
शरजील इमाम की अपने खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर मामले पर एक साथ सुनवाई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "यह हमारे सामने अपील न करें. हम इस तरह के अंतरिम आदेश को पारित नहीं कर सकते हैं." इसके बाद शीर्ष कोर्ट ने मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश से दो सप्ताह के भीतर इस मसले पर हलफनामा दायर करने को कहा. दिल्ली और यूपी सरकार पहले ही हलफनामा दायर चुकी हैं. इस केस में अब तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
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सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को जेएनयू के छात्र शारजील इमाम की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं. इन एफआईआर में शरजील इमाम पर राजद्रोह के आरोप लगाए गए.
बता दें कि जामिया हिंसा में शामिल होने, दंगा भड़काने और सीएए के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शरजील इमाम के खिलाफ विभिन्न राज्यों में पांच प्राथमिकी दर्ज की गई थीं.
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इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता सुधार्थ दवे ने पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है. मणिपुर सरकार के वकील अधिक समय चाहते हैं. असम के वकील भी काउंटर पक्ष दाखिल करने के लिए अधिक समय चाहते हैं. वहीं वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है.