scorecardresearch
 

SC ने किए आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सील, निदेशकों की निजी संपत्ति अटैच

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को बड़ा झटका देते हुए 40 कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज करने के आदेश दिए हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से जोरदार झटका लगा है. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते और प्रॉपर्टीज अटैच करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने 2008 के बाद से तमाम खातों के लेन-देन की जानकारी मांगी है और कंपनी के फंड डायवर्जन को गंभीरता से लिया है.

इसके साथ ही ग्रुप की सभी कंपनियों के निदेशकों  के खाते भी फ्रीज करने के आदेश दिए गए हैं. निदेशकों की निजी संपत्ति भी अटैच करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप पर आदेशों को ना मानने और गंदा खेल खेलने के लिए कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो हमारे सब्र का इम्तिहान ना लें. इसके साथ ही एनबीसीसी चेयरमैन और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव को भी गुरुवार को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा है.

Advertisement

दरअसल, आम्रपाली ग्रुप ने कोर्ट में एनबीसीसी से प्रोजेक्ट्स पूरा कराने की दलील दी थी. कोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि जब पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो फिर कैसे एनबीसीसी के साथ कोर्ट बात कर रहा है. कोर्ट ने साफतौर पर आम्रपाली ग्रुप को फ्रॉड करने का दोषी करार दिया है. 2008 के बाद से अबतक खातों में हुए तमाम लेन-देन के लिए और फंड डायवर्जन के लिए कोर्ट ने तमाम ग्रुप कंपनियों के चार्टेड एकाउंटेंट्स को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने एनबीसीसी और आम्रपाली पर मिलीभगत की बात कही है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनबीसीसी कोर्ट के साथ ही समानांतर काम कर रहा है. इसलिए ही एनबीसीसी को कोर्ट में चल रहे मामले की जानकारी होने की बात बतानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट के विस्तृत आदेश के बावजूद एनबीसीसी ने किस आधार पर प्रोजेक्ट पूरा करने का बीड़ा उठा लिया. अगर एनबीसीसी को इस तमाम मामले की जानकारी थी तो फिर ये अदालत की अवमानना का मामला बनता है. कोर्ट ने कहा है कि पूरा सिस्टम आम्रपाली ने मैनेज किया हुआ है और वो प्रोजेक्ट पूरा करने की मंशा नहीं रखते.

Advertisement
Advertisement