देश की अदालतों में लगातार बढ़ते मुकदमों को लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पहले ही चिंता व्यक्त कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भी इस मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट को फटकार लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से 200 जजों की नियुक्ति के प्रोसेस को रोकने पर फटकार लगाई. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर आप ये वैकेंसी नहीं भर सकते हैं, तो फिर हम इस काम को संभालेंगे. उसके बाद हम इस प्रक्रिया को सही करेंगे.
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अभी इस प्रकार का माहौल है कि अगर जज 24 घंटे भी काम करें तो कम पड़ जाए.बता दें कि अभी कुछ दिन पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भरी कोर्ट में इसपर चिंता जताई थी.
मामलों की जल्द सुनवाई पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि मौजूदा परिस्थिति में ऐसा संभव नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हफ्ते के पांच कारोबारी दिन में 880 केस दायर होते हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले केसों को कोर्ट की 11 बेंच में बांटा जाता है जिसके चलते प्रत्येक बेंच के सामने कम से कम 40 मामले आते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में मामलों की बड़ी बातें...
- एक हफ्ते में 800 केस होते हैं दाखिल
- 11 बेंच में प्रति बेंच 40 केस लिस्ट होते हैं
- 120 केस को लिस्ट नहीं किया जा पा रहा
- जल्द सुनवाई चाहिए तो बढ़ाएं बेंच की संख्या