पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायालय की एक संविधान पीठ ने राज्य विधानसभा से उनके निष्कासन को सोमवार को रद्द कर दिया.
अमरिंदर को अमृतसर में भूमि आवंटन घोटाले में कथित संलिप्तता के मामले में पंजाब विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया था. प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने व्यवस्था दी कि राज्य विधानसभा के पास अमरिंदर और अन्य को उनके द्वारा कार्यपालक के रूप में किए गए किसी कार्य के लिए निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है.
न्यायालय ने अमरिंदर के निर्वाचन को भी बहाल कर दिया जिसे उनके निष्कासन के बाद विधानसभा ने रिक्त घोषित कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि सही तरीका यह होता कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाता क्योंकि इस मामले में विधानसभा के किसी विशेषाधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ जिससे उसे संविधान के अनुच्छेद 194 (3) के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना पड़े.
पीठ ने कहा कि विधानसभा ने त्रुटिपूर्ण ढंग से कार्रवाई की क्योंकि अनियमितताएं 12वीं विधानसभा के दौरान की गईं जबकि निष्कासन 13वीं विधानसभा ने किया. पीठ में न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन पी. सदाशिवम जेएम पांचाल और आरएम लोढा भी शामिल थे.