निवेशकों का धन लौटाने के मुद्दे पर सहारा सेबी मामले में बुधवार को एक नया मोड़ आ गया जब सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने 20,000 करोड़ रुपये सेबी के पास जमा नहीं करने के लिए अपनी हिरासत के आदेश को चुनौती दी.
मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने गुजारिश की कि माननीय अदालत को मामले की सुनवाई तुरंत करनी चाहिए, क्योंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण से जुड़ा मामला है.
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का इस्तेमाल एक कैदी को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए किया जाता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि व्यक्ति को कैद किया जाना अथवा हिरासत में रखना वैध है या नहीं.
रॉय की ओर से पेश हुए जेठमलानी ने कहा कि कुछ त्रुटियां हैं जिन्हें तत्काल दूर करने की जरूरत है और अदालत से अनुरोध है कि मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे की जाए.
पीठ ने कहा कि यदि जेठमलानी की ओर से दाखिल आवेदन को रजिस्ट्री से नंबर मिल जाता है तो पीठ दोपहर भोजन के बाद मामले की सुनवाई करेगी.