सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है. साथ ही केंद्र सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
सुप्रीम कोर्ट ने यूथ कमल आर्गेनाइजेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. दरअसल, कोर्ट ने 21 अगस्त को सरकार से कहा था कि नेशनल पॉलिसी फॉर फार्मर्स पर पुनर्विचार करने को लेकर अपना रुख छह हफ्तों में साफ करे. लेकिन सरकार ने 2 महीने बाद भी हलफनामा नहीं दिया. इसी लेटलतीफी के लिए कोर्ट ने यह जुर्माना लगाया.
अब दी 4 हफ्ते की मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने अब सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दी है. साथ ही पूछा है कि यदि सरकार एमएस स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के 190 बिंदुओं पर सहमत हैं तो उन्हें लागू करने में देरी क्यों?
सरकारी पैनल पर भी जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बने सरकार के पैनल की बैठकों को लेकर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि सरकार के पैनल ने पिछले 8 साल में सिर्फ 5 बैठकें ही कीं, जबकि मामला इतना गंभीर है. हालांकि स्वामीनाथन यह साफ कर चुके हैं कि वह 2006 के बाद किसी सरकारी कमेटी के अध्यक्ष नहीं रहे.
2 साल में 18 हजार से ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 12 हजार और 2014 में 6000 से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की. इनमें ज्यादातर खेतिहर मजदूर थे.