किन्नरों पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने लिंग के तीसरे वर्ग के रूप में ट्रांसजेंडर को मान्यता दी है. इसके साथ किन्नरों की ऐसा दर्जा देने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र एवं राज्यों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सामाजिक रूप से पिछड़ा समुदाय हैं. उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए.
संविधान के आर्टिकल 14, 16 और 21 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रांसजेंडर देश के नागरिक हैं और शिक्षा, रोजगार एवं सामाजिक स्वीकार्यता पर उनका समान अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किन्नरों को विशेष दर्जा दिया जाए. इस समुदाय को भी बच्चे गोद लेने का अधिकार मिले.