पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. यह याचिका शारदा चिट फंड में पैसा निवेश करने वालों ने लगाई थी, जिसमें मांग की गई थी कि सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी होनी चाहिए.
याचिका में इन निवेशकों की तरफ से सीबीआई जांच पर सवाल उठाए गए हैं. याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले चार साल में इस मसले की सही तरीके से जांच नहीं की है. इसलिए कोर्ट सीबीआई जांच को मॉनिटर करे.
अपनी इस मांग के पीछे याचिका में दलील भी दी गई, जिसमें कहा गया कि सीबीआई चिट फंड केस से जुड़े खातों का ऑडिट एक प्राइवेट एजेंसी से करा रही है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
यह दलील देते हुए चिट फंड के निवेशकों ने सुप्रीम कोर्ट से मॉनिटरिंग कमेटी के अधीन जांच की मांग रखी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले से ही जांच चल रही है. बता दें कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ही इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
शारदा चिट फंड केस बंगाल और आडिशा से जुड़ा है. इसमें करीब 40 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है और इसकी आंच में बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता हैं. उनमें से कई जेल भी जा चुके हैं.
इसी केस को लेकर हाल ही में कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई की रेड से बवाल हो गया था. विरोध में सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं. बाद में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और वहां से चिट फंड केस की जांच टीम के हेड रहे पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई पूछताछ में सहयोग की हिदायत दी गई. कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई टीम पिछले तीन दिन से शिलॉन्ग में राजीव कुमार से पूछताछ कर रही है.