सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित की ओर से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप नेता शाजिया इल्मी, प्रशांत भूषण और मनीष सिसौदिया के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगाने से आज इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और एसए बोब्दे की पीठ ने आप नेताओं के वकील जयंत भूषण की दलील स्वीकार नहीं की. भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका के निपटारे तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए. पीठ ने कहा कि वह केवल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई तेज कर सकती है और उसने इसकी सुनवाई की तारीख 22 जुलाई तय की.
इससे पहले गत 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल और दूसरे 'आप' नेताओं को नोटिस जारी किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को 'आप' नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन साथ ही उसने निचली अदालत से कहा था कि वह उनकी बरी किए जाने की याचिका पर विचार करे.
आदेश को चुनौती देते हुए अमित सिब्बल ने कहा था कि हाईकोर्ट निजी शिकायत पर गठित किसी विचारणीय मामले में मजिस्ट्रेट को बरी करने का अधिकार नहीं दे सकता. उन्होंने साथ ही कहा कि हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी. हालांकि केजरीवाल समेत अन्य ने इसकी मांग नहीं की थी. अमित ने केजरीवाल और अन्य द्वारा उन पर लगाए गए इस आरोप के बाद उन पर मानहानि का मामला दायर किया था कि उन्होंने दूरसंचार कंपनियों का पक्ष रखने के लिए अपने पिता के पद का फायदा उठाया.
निचली अदालत ने अरविंद और अन्य को पिछले साल 24 जुलाई को समन जारी किया था. 'आप' नेताओं ने निचली अदालत में कार्यवाही रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया था.