साईं-शंकराचार्य विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से साफ इनकार कर दिया है. कोर्ट ने आज कहा कि ये धर्म का मामला है और इसमें किसी तरह का निर्देश नहीं दिया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के साईंधाम चैरिटेबल ट्रस्ट की अर्जी पर यह फैसला सुनाया है. शंकराचार्य के बयान के बाद साईंधाम ट्रस्ट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
कोर्ट ने कहा, 'ये आस्था का मामला है. कोर्ट इस मामले में कोई भी निर्देश नहीं दे सकता.'
याचिका में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती और अन्य को साईं बाबा के खिलाफ बयान देने से मना करने के लिए निर्देश देने को कहा गया था. यह भी अनुरोध किया गया था कि साईं बाबा की पूजा में किसी तरह की बाधा न पहुंचाई जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि वो इस मामले में संबंधित अदालतों में सिविल सूट फाइल करें. अदालत ने यह भी नसीहत दी कि याचिकाकर्ता मंदिरों से साईं की मूर्तियां फेंकने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं.