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CBI चीफ वर्मा की बहाली पर विपक्ष का तंज- SC के सामने बेनकाब होने वाले पहले PM बने मोदी

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपने सियासी फायदे के लिए सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह आदेश सीबीआई चीफ वर्मा के लिए अधूरी जीत है. उन्होंने कहा, उन्हें बहाल तो कर दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है.

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (फोटो-PTI)
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (फोटो-PTI)

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमले किए हैं. कांग्रेस ने कहा कि मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके अवैध आदेशों को शीर्ष कोर्ट ने खारिज किया है. वहीं दूसरे सियासी दलों ने भी कहा कि यह आदेश सरकार के लिए बड़ा झटका है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इससे पहले भी उन्होंने इसी तरह केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता (सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश की सलाह की जरूरत) को दरकिनार कर उसे तबाह कर दिया था. मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके अवैध आदेशों को शीर्ष कोर्ट ने रद्द कर दिया है.

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सुरजेवाला ने मोदी को यह याद रखने के लिए कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन संस्थानों की अखंडता हमेशा कायम रहती है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, यह आपके लिए हमारे लोकतंत्र और संविधान की मजबूती के बारे में एक सबक है. इससे पता चलता है कि आप कितने भी स्वेच्छाचारी हों, अंत में कानून आपको पकड़ ही लेता है.

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को 'लोकतांत्रिक संस्थानों को कुचलने वाला' करार दिया. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि आज आप लोगों पर दबाव बनाने के लिए इन एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और ऐसा करेगा. ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा? वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे.

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजेडी) सांसद मनोज झा ने इस फैसले को सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है. आम आदमी पार्टी प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा, सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई प्रमुख को बहाल करना प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर दोषी ठहराता है. मोदी सरकार ने देश के संस्थानों और लोकतंत्र को तबाह कर दिया. क्या सीबीआई निदेशक को आधी रात को अवैध रूप से हटाना राफेल घोटाले की जांच रोकने की कोशिश नहीं थी, जिससे सीधे प्रधानमंत्री जुड़े हुए हैं?

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने सियासी फायदे के लिए सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह आदेश सीबीआई चीफ वर्मा के लिए अधूरी जीत है. उन्होंने कहा, उन्हें बहाल तो कर दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है.

गौरतलब है कि अपने आदेश में अदालत ने कहा कि आलोक वर्मा के बारे में कोई भी फैसला सीबीआई निदेशक का चुनाव और नियुक्त करने वाली उच्च शक्ति प्राप्त समिति करेगी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस. के. कौल और के. एम. जोसेफ की पीठ ने सुनाया है. सीबीआई के निदेशक के रूप में वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है.

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