सुप्रीम कोर्ट ने ने 1999 के कारगिल अभियान में रक्षा उपकरणों की खरीद में कथित तौर पर करोड़ों के घोटाले की जांच की मांग वाली कई याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
सोमवार को जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस वी गोपाल गौड़ा की बेंच ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन याचिकाओं में कुछ नहीं बचा है, क्योंकि इन मामलों की जांच सीबीआई ने की और निचली अदालत ने इसका आकलन किया.
बरी हो चुका है ताबूत घोटाले का एकमात्र आरोपी
बेंच ने उस वक्त यह आदेश दिया जब उसे सीबीआई द्वारा सूचित किया गया कि वह किसी को दोषी पाने में सफल नहीं रही और ऐसे में लंबित जनहित याचिकाओं का कोई आधार नहीं है. सरकार का पक्ष रखते हुए वकील आर बालासुब्रमण्यम ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ताबूत घोटाले के मामले में एकमात्र आरोपी को बरी कर चुकी है.
निचली अदालत ने कहा कि कथित बिचौलिए के खिलाफ मामला चलाने के लिए कोई सबूत नहीं था.
-इनपुट भाषा से