नीतीश कटारा हत्या मामले के तीन दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि यह मामला ‘दुर्लभ से भी दुर्लभतम’ (Rare of the rarest) मामले की श्रेणी में नहीं आता. इस मामले के तीन दोषियों में दो चचेरे भाई विकास और विशाल यादव शामिल भी हैं.
जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने कहा कि वह नीतीश की मां और शिकायतकर्ता नीलम कटारा की ओर से इस मुद्दे पर दायर की गई ऐसी ही एक याचिका को पहले खारिज कर चुकी है.
कोर्ट ने मांगी दिल्ली सरकार के वकील की मदद
कोर्ट ने हालांकि यह भी कहा कि उसे सुखदेव पहलवान समेत तीन दोषियों द्वारा दायर की गई याचिकाओं से जुड़े ‘कुछ सवालों’ पर फैसला करने के लिए दिल्ली सरकार के वकील की मदद की जरूरत होगी. इनमें से एक सवाल यह है कि क्या हाई कोर्ट की ओर से यादव बंधुओं को 30 साल की सजा और पहलवान को 25 साल की सजा दिया जाना न्यायसंगत था? बेंच ने इस मामले की सुनवाई अगले साल फरवरी तक के लिए टाल दी है.
पिछले माह, सुप्रीम कोर्ट ने नीलम की याचिका खारिज कर दी थी जिसमें नीलम ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी.
- इनपुट भाषा