आम्रपाली मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. आम्रपाली के वकील गौरव भाटिया ने कोर्ट में कहा कि घर खरीदारों को लेकर उनकी कंपनी का विचार बिल्कुल साफ है और कंपनी चाहती है कि खरीदारों के सपने पूरे किए जाएं.
भाटिया की इस बात पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि चाहे जो कुछ भी हो, वे इस मामले में कंपनी का दृष्टिकोण अदालत में स्पष्ट करें. इसके लिए आम्रपाली के वकील भाटिया ने अदालत से कुछ दिन का वक्त मांगा जिसे कोर्ट ने सिरे से ठुकरा दिया. कोर्ट में जिरह के दौरान भाटिया ने कहा कि कंपनी का सपना प्रोजेक्ट पूरा करना है. इस पर अदालत ने मजाकिया अंदाज में पूछा कि दिन के सपने या रात के. जवाब में भाटिया ने कहा, खरीदारों के सपने सच करना आम्रपाली का सपना है. ऐसी बात सुनकर पूरा कोर्ट ठहाकों से गूंज उठा और जज भी खुद को मुस्कुराने से नहीं रोक पाए.
गौरतलब है कि आम्रपाली के ग्रेटर नोएडा स्थित 6 हाउसिंग प्रोजेक्ट में 32 हजार और नोएडा में करीब 10 हजार घर खरीदार फंसे हैं. खरीदारों को उम्मीद पर पिछले 8 साल से पानी फिर रहा है. आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट 2010 में शुरू हुए थे लेकिन घर नहीं मिलने से नाराज खरीदार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए जहां इस मामले पर सुनवाई चल रही है.
Amrapali Case: SC says initially Amrapali's 16 properties in India, including commercials, would be auctioned&later personal properties of company's promoters&directors will be auctioned or sold to generate money for completion of its unfinished projects. Next hearing on Sept 12. pic.twitter.com/IrKSN9ONVL
— ANI (@ANI) September 6, 2018
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनबीसीसी की देखरेख में आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी होगी. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर पेशेवर फर्मों की मदद भी ली जा सकती है. कंपनी के मालिक अनिल शर्मा के चुनाव आयोग में जमा संपत्ति का हलफनामा भी सुप्रीम कोर्ट ने मांगा. साथ ही देश की शीर्ष अदालत ने अनिल शर्मा से सभी संपत्तियों के नक्शे भी मांगे.
कोर्ट ने कड़े शब्दों में दी थी चेतावनी
गुरुवार की सुनवाई से पहले बीते 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कड़ी चेतावनी जारी की थी. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक और निदेशकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आपने हमसे चालाकी दिखाने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम भुगतान होंगे. हम आपको बेघर कर देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के प्रबंध निदेशक और निदेशकों से साफ शब्दों में कहा कि आपने लोगों को घर के लिए भटकने के लिए बाध्य किया है. हम आपकी सारी संपत्ति बेच देंगे. आपका घर भी बेच देंगे और आपको बेघर कर देंगे. आप भी ऐसे ही अपने घर को देखेंगे जैसे दूसरे फ्लैट खरीदार देख रहे है. अदालत ने इनसे पूछा कि आप अपनी संपतियों को बेचकर कैसे 5,112 करोड़ रुपए इकठ्ठा करेंगे...इसका प्रपोजल देकर हमको बताएं, ताकि अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर और प्रमोटरों को अपनी चल और अचल संपत्तियों का पूरा ब्योरा भी 15 दिनों में पेश करने को कहा था.
कोर्ट ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आम्रपाली समूह की दो परियोजनाओं में बिजली आपूर्ति बहाल करें. बिजली बिल बकाया रहने के कारण सिलिकॉन सिटी और जुड़ियाक प्रोजेक्ट को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के सेवारत निदेशकों या 2008 से अब तक कंपनी छोड़ चुके निदेशकों का भी ब्योरा मांगा था. इसके अलावा कोर्ट ने आम्रपाली की परियोजनाओं का रख-रखाव देखने वाली कंपनियों और उन्होंने जो धन जुटाए और बांटे हैं, उसका ब्योरा भी मांगा. वहीं, आम्रपाली समूह ने कोर्ट से कहा कि प्रोजेक्ट पूरा करने में 5,112 करोड़ रुपए लगेंगे.