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केरल में 'लव-जिहाद' मामले की जांच करे NIA : सुप्रीम कोर्ट

इस मामले में उच्च न्यायालय ने एक मुसलमान की हिंदू महिला से शादी को ‘‘लव जिहाद’’ करार दिया था. केरल उच्च न्यायालय से शादी रद्द होने के बाद शफीन जहान इसे सुप्रीम कोर्ट तक लेकर गया. बता दें कि  उच्च न्यायालय ने केरल पुलिस को ऐसे मामलों की जांच का आदेश दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को आदेश दिया कि केरल में 'लव-जिहाद' मामले की जांच का ब्यौरा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ शेयर करे. इस मामले में उच्च न्यायालय ने एक मुसलमान की हिंदू महिला से शादी को ‘‘लव जिहाद’’ करार दिया था. केरल उच्च न्यायालय से शादी रद्द होने के बाद शफीन जहान इसे सुप्रीम कोर्ट तक लेकर गया.

बता दें कि  उच्च न्यायालय ने केरल पुलिस को ऐसे मामलों की जांच का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पूरी तस्वीर समझने और यह जानने के लिए एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा गया.  

शफीन जहान ने जताई एनआईए जांच पर आपत्ति

केरल निवासी शफीन जहान के वकील ने एनआईए को  पुलिस के जांच रिकार्ड का अवलोकन करने पर आपत्ति जताई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की पीठ ने इसे गंभीरता से लिया.

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केरल पुलिस को एनआईए को सभी सहयोग देने दिया आदेश

पीठ ने कहा कि उसे महसूस होता है कि याचिकाकर्ता (जहान) नहीं चाहता कि इस विवाद के बारे में न्यायालय के समक्ष सही और स्वतंत्र दृष्टिकोण सामने आए. उन्होंने कहा, ‘‘केरल पुलिस को एनआईए को सभी सहयोग देने का निर्देश दिया जाता है.’’ उसने कहा कि उसके आदेश की प्रति केरल पुलिस को दी जाए.

एनआईए के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने शीर्ष अदालत से दरख्वास्त की कि एनआईए को राज्य पुलिस द्वारा की गई जांच के रिकार्ड को देखने दिया जाए. साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी केरल पुलिस को निष्पक्ष तरीके से मदद नहीं कर पाएगी यदि उसे जांच रिकार्ड नहीं देखने दिया जाता है.

पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘हम पूरी तस्वीर जानना चाहते हैं. एनआईए पर किसी को संदेह क्यों होना चाहिए? क्या आप राष्ट्रीय जांच एजेन्सी पर संदेह कर रहे हैं? यदि एनआईए को रिकार्ड दिखाया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.’’ इससे पहले, जांच एजेंसी ने शीर्ष अदालत में केरल पुलिस को इस मामले की जांच का रिकार्ड दिखाने का निर्देश देने के लिये एक अर्जी दायर की.

बता दें कि जहान ने पिछले साल दिसंबर में एक हिन्दू महिला से निकाह किया था. केरल उच्च न्यायालय ने उसका निकाह रद्द करते हुए कहा था कि यह देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान है. हिन्दू महिला ने इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद जहान से निकाह किया था. आरोप है कि महिला को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के मिशन ने भर्ती किया था और जहान सिर्फ उसके लिए काम करता था.

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उच्च न्यायलाय ने इस निकाह को ‘‘रद्द और शून्य’’ घोषित करते हुए इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था. राज्य पुलिस को ऐसे मामलों की जांच करने का आदेश दिया था.

 

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