सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के टेलीफोन रिकार्ड की जांच के लिए छह सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया. समिति यह जांच करेगी कि क्या टेप में रिकार्ड बयान कानून का उल्लंघन करता है और क्या अभियोग चलाया जा सकता है. समिति चार महीने में रिपोर्ट दाखिल करेगी.
न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी की पीठ ने कहा, 'टीम में पांच सदस्य केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से और एक आयकर विभाग से होंगे.' समिति सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में काम करेगी. राडिया के टेलीफोन रिकार्ड से 2जी घोटाला सामने आया है. अदालत ने कहा कि छह सदस्यीय टीम एक पुलिस अधीक्षक की श्रेणी के अधिकारी की देखरेख में काम करेगी और उन पर सीबीआई के एक उप महानिरीक्षक की निगरानी होगी. अदालत ने समिति को टेप की जांच करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार महीने का समय दिया है.
गृह मंत्रालय को एक अज्ञात स्रोत से एक पत्र मिलने के बाद राडिया और उनके सहयोगियों के टेलीफोन को आयकर विभाग की निगरानी पर रखा गया. पत्र में आरोप लगाया गया था कि राडिया का उदय काफी कम समय में काफी तेजी से हुआ है और उनके तार विदेश से जुड़े हैं.