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रेप के 90 नए क्लिप पर SC गर्म, साइबर सेल को फटकार

रेप की घटनाओं के वीडियो कथित रूप से सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा है कि वीडियो के आधार पर अब भी आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई.

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supreme Court
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रेप की घटनाओं के वीडियो कथित रूप से सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा है कि वीडियो के आधार पर अब भी आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई.

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कोर्ट ने यह भी पूछा है कि राज्य सरकारें इन मामलों में क्या कर रही हैं. गौरतलब है कि हैदराबाद के एनजीओ 'प्रजवाला' ने रेप की घटनाओं के कुल 90 वीडियो अपने पास होने का दावा सुप्रीम कोर्ट में किया है. एनजीओ ने कहा कि ये वीडियोज भेजने वालों ने मामलों की सीबीआई जांच की मांग की है.

सामाजिक न्याय से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही एक स्पेशल बेंच के प्रमुख जस्टिस मदन बी. लोकुर ने इस पर हैरानी जताई है. कोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से उन्होंने कहा, 'क्या ऐसी चीजों से निपटने का कोई मैकेनिज्म है? हर राज्य की साइबर सेल पुलिस क्या कर रही है?'

साइबर सेल नहीं लेता स्व संज्ञान!
हैदराबाद में 'प्रज्वला' एनजीओ चलाने वाली सुनीता कृषणन ने 'मेल टुडे' से कहा, 'ज्यादातर वीडियोज से यह साफ है कि यह अपराधियों की ओर से अंजाम दी गई रेप की पहली घटना नहीं है. आप देखिए कि कितनी आसानी से ये लोग अपराध करते हैं. जब एक अपराध करता है तो दो लोग पीड़िता का मुंह और टांगें कसकर पकड़ते हैं. इसी दौरान उनका एक साथी वीडियो बनाता है. 8.5 मिनट का एक और वीडियो है जिसमें पांच लोग एक लड़की का गैंगरेप करते दिखाई दे रहे हैं और इस दौरान वे हंसी-मजाक कर रहे हैं और तस्वीरें ले रहे हैं.'

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कृष्णन कहती हैं, 'मेरी चिट्ठी और मेरे भेजे वीडियोज के बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं, यह अच्छी बात है. लेकिन जजों को इसके लिए एक स्थायी मैकेनिज्म लाना ही होगा. मैं सारे रेप वीडियोज की 'राष्ट्रीय रजिस्ट्री' नहीं बन सकती. साइबर सेल ऐसे वीडियोज पर स्वत: संज्ञान क्यों नहीं ले रहा?'

क्या है पूरा मामला
20 फरवरी 2015 को सोशल एक्टिविस्ट सुनीता कृष्णन ने देश के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर शिकायत की कि रेप की घटनाओं के 9 वीडियो ऑनलाइन उपलब्ध हैं. सुनीता ने चिट्ठी के साथ पेन ड्राइव में ये वीडियोज भी दिए. 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. 14 मार्च को जांच की धीमी प्रक्रिया के लिए कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई. 25 मार्च को सीबीआई कोर्ट को ओडिशा से एक आरोपी की गिरफ्तारी और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर की जानकारी दी. 10 अप्रैल को सुनीता ने कोर्ट को ऐसे 90 और वीडियोज की शिकायत की और इनकी भी सीबीआई जांच की मांग की.

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