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CBI में अस्थायी निदेशक की नियुक्ति पर SC ने केंद्र से पूछे सवाल

आर. के. दत्ता कोल घोटाले और 2G घोटाले की जांच कमेटी में भी शामिल थे, इसी बाबत कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी से जुड़े अधिकारी का ट्रांसफर करने से पहले अनुमति लेना जरूरी था लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

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कोर्ट की केंद्र को फटकार
कोर्ट की केंद्र को फटकार

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CBI के अस्थाई निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा है कि आर. के. दत्ता का ट्रांसफर क्यों किया गया ? कोर्ट ने कहा कि आर.के. दत्ता का सीबीआई में कार्यकाल कम करके गृह मंत्रालय में कमेटी की सिफारिश के बिना कैसे नियुक्ति कर दी गई.

SC ने सरकार से पूछा कि क्या ट्रांसफर करने में उपयुक्त प्रक्रिया का पालन किया गया है, गौरतलब है कि CBI के किसी अधिकारी का कार्यकाल कम करने के लिए सीवीसी की मंजूरी जरूरी है.

आर. के. दत्ता कोल घोटाले और 2G घोटाले की जांच कमेटी में भी शामिल थे, इसी बाबत कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी से जुड़े अधिकारी का ट्रांसफर करने से पहले अनुमति लेना जरूरी था लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

नामी वकील प्रशांत भूषण की स्वयंसेवी संस्था कॉमन कॉज की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की. कॉमन कॉज की तरफ से कहा गया कि सरकार सीबीआई को खत्म करना चाहती है, इसलिए इस प्रकार का कदम उठा रही है. प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि सरकार ने सीबीआई के मौजूदा निदेशक के रिटायरमेंट से ठीक 2 दिन पहले सीबीआई में दूसरे सबसे बड़े अधिकारी आर. के. दत्ता का ट्रांसफर कर दिया था ताकि अस्थाना की अस्थायी नियुक्ति निदेशक के तौर पर की जा सके.

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वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने नए निदेशक के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जल्द ही इस पर प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस की चयन समिति में चर्चा होगी.

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