सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि कोर्ट पहले यह तय करेगा कि याचिका सुनवाई योग्य है या नही? कोर्ट ने स्वामी से पहले मामले के कानूनी आधार पर संतुष्ट करने को कहा है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मेरिट के आधार पर बाद में याचिका पर सुनवाई की जाएगी, पहले यह तय करेंगे कि मामला सुनवाई योग्य है या नहीं.
अब तीन हफ्ते बाद मामले की सुनवाई
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच एसआईटी से कराने की मांग को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचीका दाखिल की है. स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने स्वामी की याचिका को ख़ारिज कर दिया था.
हाइकोर्ट ने कहा था कि सुब्रमण्यम स्वामी की ये याचिका जनहित याचिका नहीं, बल्कि पॉलिटिकल याचिका है औऱ कोर्ट को इस तरह के मामलों मे सज़ग रहने की ज़रूरत है. कोर्ट को नहीं लगता कि इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सुना जाना चाहिए.
हाईकोर्ट ने स्वामी को लगाई थी फटकार
हाईकोर्ट ने कहा था कि कि ये काफी डिस्टर्बिंग है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल से याचिका की कॉपी पोस्ट कर दी, जबकि उस पर हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी नहीं हुई थी और ये भी तय नहीं था कि कोर्ट उस पर सुनवाई करेगा या नहीं. कोर्ट उम्मीद करता है कि स्वामी समेत पीआईएल लगाने वाले आगे इसका ध्यान रखेंगे.
सुनंदा के बेटे ने भी इस मामले मे कोर्ट मे अर्जी लगाई थी कि इस याचिका को ख़ारिज किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा था कि इस बात मे कोई दोराय नहीं कि इस मामले की जांच में पुलिस ने बिना ठोस कारण के समय लगाया है.
कोर्ट ने कहा था कि याचिका लगाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका में कहीं जिक्र नहीं किया है, पर वो बीजेपी से जुड़े हुए है और केस कांग्रेस के एक नेता की पत्नी की हत्या से जुड़ा हुआ है. ये सीधे-सीधे लोगों का ध्यान खींचने के लिए लगाई गई याचिका लगती है.
स्वामी का आरोप है कि शशि थरूर ने UPA सरकार में केस को अपने प्रभाव से दबाने की कोशिश की और पुलिस जांच में भी अडंगा लगाया. जब हाईकोर्ट ने आरोपों का आधार पूछा तो स्वामी ने कहा कि वो दूसरा एफिडेविट लगाना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले में कोर्ट का मिसयूज किया जा रहा है.