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जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, 18 दिसंबर तक घर से नहीं निकलेंगी पूर्व सीएम

तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए जयललिता को अंतरिम जमानत दे दी है.

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तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए जयललिता को अंतरिम जमानत दे दी है. यानी अब वो जेल से बाहर आ जाएंगी. उनके केस पर अब 18 दिसंबर को सुनवाई होगी, तक तक वो घर से नहीं निकलेंगी.

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कोर्ट ने जयललिता से कहा कि अगर वो दो महीने के भीतर पेपरबुक फाइल करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें एक दिन की भी मोहलत नहीं दी जाएगी और जमानत रद्द कर दी जाएगी. अदालत ने जयललिता की करीबी सहयोगी रहीं शशिकला और उनके रिश्तेदारों वी एन सुधाकरन और इलावरासी को भी जमानत दे दी. खुद के ही जाल में फंसीं जयललिता

चीफ जस्ट‍िस एच एल दत्तू के नेतृत्व वाली बेंच ने जयललिता को तब जमानत दी जब उन्होंने भरोसा दिया कि वह हाई कोर्ट से कोई स्थगन नहीं मांगेंगी और दो महीने में अपनी अपील के सभी तथ्य और बहस से जुड़ी सामग्री (पेपरबुक) पेश करेंगी. यह पेपरबुक करीब 35 हजार पन्नों का है.

जयललिता ने जमानत के लिए जोर देते हुए शीर्ष अदालत से उन्हें 2-3 महीने के लिए घर पर ही कैद कर रखे जाने की पेशकश की. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट को 18 दिसंबर के बाद तीन महीने में जयललिता की अपील पर फैसला करना होगा. अपील पर सुनवाई के दौरान जयललिता के वकील कोई स्थगनादेश नहीं लेंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को यह भी निर्देश दिया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा न करें. अदालत ने कहा, 'अगर जयललिता के कहने पर पार्टी कार्यकर्ता गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होते हैं तो हम गंभीरता से कदम उठाएंगे.' जयललिता के वकील एफ नरीमन ने अदालत को भरोसा दिया कि उनके निर्देशों का पालन किया जाएगा.

आय से अध‍िक संपत्त‍ि के मामले में एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता इस वक्त बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं. ट्रायल कोर्ट ने जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद 27 सितंबर को उन्हें जेल भेज दिया गया. जयललिता को सजा और 18 साल की पूरी दास्तान

जयललिता के ख‍िलाफ आय से अध‍िक संपत्ति‍ का मामला उठाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह मामूली बेल है. उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को सस्पेंड करना है या नहीं, इस पर आज शीर्ष अदालत में बहस नहीं हुई. जयललिता को हाई कोर्ट का जमानत देने से इनकार, समर्थकों में आक्रोश

जयललिता के पक्ष में यह फैसला ऐसे दिन आया है जब उनकी पार्टी एआईएडीएमके का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. जयललिता को जमानत मिलने की खबर से चेन्नई सहित समूचे तमिलनाडु में पार्टी समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है.

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