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सुप्रीम कोर्ट ने भीम सिंह से कहा,जाओ पहले जा कर कश्मीर की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आओ

जम्मू-कश्मीर में सरकार भंग कर राज्यपाल शासन लगाने और कश्मीर में खराब हालात के मद्देनज़र कोर्ट के दखल की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और सीनियर वकील भीम सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने आड़े हाथों लिया.

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सुप्रीम कोर्ट
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जम्मू-कश्मीर में सरकार भंग कर राज्यपाल शासन लगाने और कश्मीर में खराब हालात के मद्देनज़र कोर्ट के दखल की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और सीनियर वकील भीम सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने आड़े हाथों लिया. मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर ने भीम सिंह से कहा, 'आप यहां दिल्ली में बैठे हुए कैसे केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों पर टिप्पणी कर सकते हैं. आप कश्मीर गए या नहीं ? अगर आपको इतनी ही फिक्र है तो आप पहले श्रीनगर जाइए और वहां के हालात की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आइये और हमे स्टेटस रिपोर्ट दीजिए'.

कोर्ट ने वकील भीम सिंह को आड़े हाथों लिया
भीम सिंह ने कोर्ट से कहा की वो कई बार कश्मीर जाने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन उन्हें वहां जाने की इजाज़त नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा की 'अगर आप वहां जाना चाहते हैं तो हम श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दे देंगे और आपके वहां रुकने का भी इंतज़ाम करवा देंगे. आप वहां जाइए और देखिए और ग्राउंड रिपोर्ट दीजिए कि वहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सही तरीके से चल रहे हैं या नहीं और लोगों की क्या दिक्कते हैं'.

सुनवाई के दौरान पैंथर पार्टी के प्रमुख भीम सिंह ने सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताते हुए कोर्ट से दखल देने की मांग की. इस पर कोर्ट ने कहा कि 'दो हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चूका है की हर मसले के हल के लिए कोर्ट निर्देश नहीं दे सकता. कश्मीर में मौजूदा हालात का हल कोर्ट के आदेश से नहीं राजनीतिक कोशिशों से निकलेगा'. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर के हालात पर केंद्र से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी. इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार ने पूरा ब्यौरा दिया था की राज्य में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल में क्या हालात हैं और लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कुछ क़दम सरकार ने उठाए हैं. गौरतलब है की 8 जुलाई को सुरक्षा बालों ने बुरहान वानी को मार गिराया था, जिसके बाद से कश्मीर में रह-रह कर हिंसा हो रही है जिनमे अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है. हालात इस कदर खराब हो गए हैं की राज्य में राष्ट्रपति लगाने की नौबत आ सकती है.

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