चुनाव आयोग को स्वतंत्र बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कोलेजियम के जरिए की जाए, जिसमें प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और नेता प्रतिपक्ष हों. चुनाव आयोग के लिए स्वतंत्र सेक्रेटेरिएट हो. चुनाव आयोग के पास चुनाव संबंधी नियम बनाने की शक्ति हो. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते बाद सुनवाई का भरोसा दिया है.
Supreme Court today refused to give an urgent hearing to a mentioning by lawyer & BJP leader, Ashwini Upadhyay, seeking a direction for the appointment of Election Commissioners in the Election Commission of India by a collegium consisting of PM, Leader of Opposition & others. pic.twitter.com/xmGtfL5YLF
— ANI (@ANI) December 3, 2019
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने चुनाव आयोग से मांग की है कि ईवीएम मशीन पर से पार्टियों के सिंबल हटाकर उम्मीदवारों के नाम, फोटो और शैक्षिक योग्यता की जानकारी हो. इससे हर प्रत्याशी के साथ समानता का बर्ताव होगा. अभी निर्दलीय उम्मीदवारों को प्रमुख पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लड़ने वालों से नुकसान उठाना पड़ता है.
चुनाव आयोग में दाखिल 21 पेज की याचिका में उपाध्याय ने मुख्य चुनाव आयुक्त से आर्टिकल 324 के अधिकारों का उपयोग करते हुए ईवीएम से पार्टियों के चुनाव चिन्ह हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है.