अपनी नाक, मूंछ और इज्ज़त की खातिर अपनी मर्ज़ी से या फिर सगोत्र या गांव में ही विवाह करने वालों को मार डालने का आदेश देने वालों पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा.
ऑनर किलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि खाप पंचायत व अन्य को लेकर कानून आने तक कोई दिशानिर्देश जारी करे या नहीं. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑनर किलिंग को भारतीय दंड संहिता में हत्या के अपराध की तरह देखा जाता है. वैसे तो हत्या का मतलब हत्या है. मगर सरकार ऑनर किलिंग को लेकर विधि आयोग की सिफारिशों पर भी विचार कर रही है. इस संबंध में 23 राज्यों के विचार प्राप्त हो चुके हैं. 6 राज्यों के विचार आने बाकी हैं। ये प्रक्रिया पूरी होने तक सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट सभी राज्यों को निर्देश दे कि हर जिले में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए स्पेशल सेल बनाया जाए. अगर कोई युगल अपनी मर्ज़ी से शादी करना चाहता है और उसे जान का खतरा है तो राज्य सरकार उनका बयान दर्ज कर कार्रवाई करे. ज़रूरत पड़ने पर युगल को सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए.
ये अलग बात है कि राजनीतिक नफा नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार यह कहने से नहीं चूकी कि इस मामले में वह 'खाप पंचायत' शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी. कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताई.