स्कूल-कॉलेजों के बच्चों में ड्रग्स की बढ़ती लत और उसके लिए किए जा रहे प्रयास पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है.
बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये एक गंभीर मामला है और इसे रोकने के लिए सभी मंत्रालयों को काम करना चाहिए. याचिका को कोर्ट ने बहुत ज्यादा विस्तृत करार देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता कोर्ट की इस मसले पर भावनाओं का बेवजह इस्तेमाल न करे. अपनी याचिका को एक निश्चित दायरे में दाखिल करें जिससे कि हम केन्द्र सरकार को निर्देश जारी करके प्रभावी कदम उठाने के लिए कह सके.
याचिकाकर्ता ने कहा कि भारत सरकार ने बच्चों तक ड्रग्स के पहुचने के खिलाफ रोकथाम लगाने के लिए एक राष्ट्रीय पॉलिसी बनाई थी. जिसे 2011-12 तक लागू करना था. कोर्ट में संस्था की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केन्द्र सरकार से ये पूछे कि अब तक भारत सरकार के विभिन्न विभागों ने क्या कदम क्यों नहीं उठाए हैं. अब याचिकाकर्ता को याचिका में कुछ बदलाव करने होंगे जिसके बाद याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा.