दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को हुए बवाल और हंगामे के बाद सुप्रीम कोर्ट जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी की जगह में बदलाव कर सकता है.
बीते तीन दिनों के अंदर दूसरी बार वकीलों की ओर से किए गए हंगामे और मारपीट पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. कोर्ट ने पटियाला हाउस में हालात का जायजा लेने के लिए छह वकीलों का एक पैनल भेजा था. जस्टिस जे चेलमेस्वर और एएम सप्रे की बेंच ने पैनल से सवाल किया कि क्या आगे पटियाला हाउस कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी चाहिए?
कोर्ट ने जताई नाराजगी
बेंच ने कहा, 'हम कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. किसी भी व्यक्ति को न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने या उस पर परेशानी खड़ी की अनुमति नहीं है.' कोर्ट ने सबसे ज्यादा इस बात नाराजगी जाहिर की है कि सख्त आदेश के बावजूद दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों की मौजूदगी में कोर्ट परिसर पर माहौल कैसे बिगड़ गया.
दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को 15 फरवरी और 17 फरवरी को हुई हिंसा पर रिपोर्ट सौंपने को कहा था. साथ ही छह वकीलों के पैनल से भी रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को जवाब देने के लिए शुक्रवार तक का वक्त दिया है. मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार को होगी.
वकीलों ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए वकीलों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान उस पर हमला हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम खाली करने का आदेश दिया. वकीलों की टीम ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट परिसर में उन पर भी बोतल और पत्थर फेंके गए.
कोर्ट से जेल तक झेलता रहा विरोध
पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के बाद कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब वह दो मार्च तक जेल में रहेगा. पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से कन्हैया को ले जाने के दौरान वकीलों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. कोर्ट परिसर में कन्हैया का मेडिकल टेस्ट कराया गया. उसे कोर्ट के लॉकअप तक ले जाने में पुलिस को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. रास्ते में करीब 100 वकील खड़े थे और नारेबाजी कर रहे थे. स्थिति के मद्देनजर पुलिस को कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट के पिछले गेट से ले जाना पड़ा.