सीबीआई की विशेष अदालत ने निठारी कांड के आरोपी मोनिन्दर सिंह पंढेर के नौकर सुरेंद्र कोली को रचना हत्या मामले में मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई और तीन हजार रूपये जुर्माना किया.
सीबीआई के वकील जेपी शर्मा ने बताया, ‘सीबीआई के विशेष न्यायाधीश डा. ए के सिंह की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुरेंद्र कोली को फांसी और तीन हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई.’ सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कोली को सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 364 (हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने) और धारा 376 (बलात्कार) के तहत दोषी ठहराया था.
कोली के खिलाफ सीबीआई ने 13 जून 2007 को आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद विशेष अदालत में 122 दिन सुनवाई हुई और कुल 47 गवाह अदालत के समक्ष पेश हुए. बचाव पक्ष की ओर से एकमात्र गवाह पंढेर का चालक मानसिंह रहा. {mospagebreak}
नौ वर्षीय रचना 11 अप्रैल 2006 को उस समय लापता हो गई थी जब वह अपने दादा दादी से मिलने की बात कहकर घर से निकली थी. जब रचना का पता नहीं चला तो उसके माता पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उसके पिता ने बाद में पंढेर की डी-5 कोठी से तलाशी के दौरान मिले रचना के कपड़ों और उससे संबंधित चीजों की पहचान की.
पंढेर इस मामले में आरोपी नहीं था क्योंकि जांच एजेंसी को उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. निठारी हत्याकांड के इस मामले में फैसला हो जाने के बाद अभी 13 अन्य मामलों पर फैसला होना बाकी है. पंढेर और उसका नौकर सुरिंदर कोली दोनों ही बच्चों और महिलाओं को मारने के मामलों में आरोपी हैं तथा उनके खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज किए गए हैं.
निठारी हत्याकांड में तेरह फरवरी 2009 को आए पहले फैसले में दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. यह मामला रिम्पा हल्दर की हत्या का था. हालांकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 सितंबर को पंढेर को इस मामले से बरी कर दिया था.