scorecardresearch
 

सर्जिकल ऑपरेशन या सेना की जवाबी कार्रवाई?

सेना के मुताबिक जब भी पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम सरहद पर ऐसी नापाक हरकत करती है, तो सेना की लोकल यूनिट उसका मौके पर ही माकूल जवाब देती है. इसके लिए दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के स्तर पर इजाजत नहीं दी जाती बल्कि लोकल कमांडर ही इन जवाबी कार्रवाई का आदेश देता है.

Advertisement
X
भारतीय सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक
भारतीय सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक

Advertisement

हाल में पीओके में भारतीय सेना के सर्जिकल ऑपरेशन के सबूत दिखाने का विवाद सामने आया और अब ये बात सामने आ रही है कि इससे पहले भी भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पार जाकर आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है.

लोकल कमांडर के आदेश से होती है कार्रवाई
सेना के मुताबिक जब भी पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम सरहद पर ऐसी नापाक हरकत करती है, तो सेना की लोकल यूनिट उसका मौके पर ही माकूल जवाब देती है. इसके लिए दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के स्तर पर इजाजत नहीं दी जाती बल्कि लोकल कमांडर ही इन जवाबी कार्रवाई का आदेश देता है. जानें इससे पहले भारतीय सेना ने कब-कब खास इस तरह के जवाबी ऑपरेशन किए हैं.

जब 2008 में PAK ने काटा था एक जवान का सिर
जून 2008 में केल सेक्टर में पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने 2/8 गोरखा राइफल के एक जवान का गला काट दिया था. ये जवान पेट्रोलिंग के दौरान रास्ता भटक गया था. बाद में उसका शव बिना सिर के बरामद हुआ. उसके बाद एक जवाबी हमले में भारतीय सेना के जवान चार पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटकर लेकर आए. इस जवाबी हमले में पाकिस्तान के कुल आठ जवान मारे गए.

Advertisement

जब 2011 में भारतीय पोस्ट पर हुआ था हमला
अब बात 30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा की गुगलधर चोटी पर स्थित भारतीय सेना की पोस्ट पर पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने हमला किया था. इस हमले में 5 भारतीय जवान मौके पर शहीद हो गए थे. पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम दो भारतीय जवान हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेंद्र सिंह के सिर काटकर ले गई थी. उसके बाद भारतीय सेना ने जवाबी हमले में 6 जवानों की शहादत का बदला लिया था. इसे 'ऑपरेशन जिंजर' नाम दिया गया. इसमें 8 पाकिस्तानी जवानों को मार गिराया गया था. हमारे जवान तीन पाकिस्तानी जवानों के सिर काटकर भारत लाए थे.

'ऑपरेशन जिंजर' को चार पैरा स्पेशल फोर्स के जवानों ने अंजाम दिया, जबकि टीएसडी यानी टेक्निकल स्पोर्ट डिवीजन के अधिकारियों ने लैंड माइंस बिछाई थी. इसके साथ ही मरे हुए पाकिस्तानी सैनिकों के शरीर में आईईडी लगाकर सुनिश्चित किया कि एम्बुश वाली जगह की तरफ और जवान आ रहे हैं. तब तक कमांडो इंतजार करते रहे. लैंडमाइंस धमाके में और जवान जख्मी हो गए. उसके बाद ग्रेनेड और गोलियां दागी गईं थीं.

जब 2013 में दो जवानों का काटा था सिर
इसी तरह 8 जनवरी 2013 को दो भारतीय जवानों हेमराज और सुधाकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उस दिन सीमापार पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स के साथ आए लश्कर और जैश के 15 आतंकवादी सीमा पर तैनात जवान हेमराज और सुधाकर सिंह का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे. लगभग दो हफ्ते बाद भारतीय सेना ने भारी फायरिंग करके पाकिस्तान की एक पोस्ट को बर्बाद कर दिया. भारतीय सेना के इस हमले में 6 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना और आतंकी मारे गए.

Advertisement

पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम सरहद पर घात लगाकर रात में भारतीय सेना पर हमले करने के लिए कुख्यात है. पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम में ज्यादातर पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स के जवान और कई बार आतंकी शामिल होते हैं.

Advertisement
Advertisement