गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारतीय सेना के विशेष कमांडो दलों द्वारा किए गए 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' की सफलता की खबर सुनकर उनका मन गर्व से भर उठा था.
पर्रिकर ने हाल में दोना पावला स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान में 'हिन्द महासागर: आर्थिक एवं भू-रणनीतिक महत्व' पर आयोजित एक कार्यशाला से इतर भाषा के साथ बातचीत में यह बात कही.
यह पूछे जाने पर कि जब उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना के 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' के सफल होने की खबर मिली तो रक्षामंत्री के रूप में उनके मन में सबसे पहले क्या बात आई, उन्होंने कहा, 'गर्व'.
उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता की खबर से मन गर्व से भर उठा था. यह एक बड़ा क्षण था और यह सभी के लिए गौरव की बात है.
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने 28 और 29 सितंबर 2016 की दरम्यानी रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लांच पैड पर 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' किए थे जिनमें कई आतंकवादी मारे गए थे और आतंकी शिविरों को भारी नुकसान पहुंचा था. उस समय पर्रिकर ही रक्षामंत्री थे. सर्जिकल स्ट्राइक्स को जम्मू कश्मीर के उरी में 19 सैनिकों की जान लेने वाले आतंकी हमले के 10 दिन बाद अंजाम दिया गया था.
आईआईटी स्नातक होने के बावजूद संयोग से राजनीति में आए पर्रिकर से पूछा गया कि पहले मुख्यमंत्री, फिर रक्षामंत्री और फिर मुख्यमंत्री, उन्हें यह अनुभव कैसा लगता है? इस पर उन्होंने कहा, 'रक्षामंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी थी, मुख्यमंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी है, दोनों जिम्मेदारी अलग-अलग हैं और वह समाज का ऋण चुका रहे हैं.' इससे पहले उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि उनका पारिवारिक नाम 'प्रभु' है. उनका पूरा नाम मनोहर 'प्रभु' पर्रिकर है और इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
पर्रिकर 2000 से 2005 तक और 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 2014 में उन्हें रक्षामंत्री बनाया गया था. इस साल 14 मार्च को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में फिर गोवा भेज दिया गया.