रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता का श्रेय संघ को दिया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की ट्रेनिंग के चलते मैं और प्रधानमंत्री सर्जिकल ऑपरेशन का कड़ा फैसला ले सके. वहीं विपक्ष ने रक्षा मंत्री के इस बयान की कड़ी निंदा की है. पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा कि इस तरह के बयान से सेना का मनोबल टूटता है. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक तो होती रहती है, लेकिन बातचीत की प्रकिया नहीं टूटनी चाहिए.
सवाल- सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही बयानबाजी पर क्या कहेंगे?
जवाब- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर कह रहे हैं कि आरएसएस की शिक्षा से सर्जिकल स्टाइक्स संभव हुई. तो क्या आरएसएस के लोग सेना के जवानों को ट्रेनिंग देने गए थे, ये क्या बोल रहे हैं, रक्षा मंत्री ये बोलकर देश के शहीदों का अपमान कर रहे हैं.
सवाल- क्या आपके वक्त भी सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था?
जवाब- जी हां, जब मैं गृह मंत्री था, तब भी सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था. जब मैंने गृह मंत्रालय संभाला तब पीओके में 60 आतंकी कैंप थे और जब मैंने छोड़ा तब 40 ही बचे थे.
सवाल- क्या सर्जिकल स्ट्राइक ही रास्ता है या फिर बातचीत?
जवाब- देखिए, सर्जिकल स्ट्राइक तो होता रहता है, दोनों तरफ से होता है, इसमें कोई नई बात नहीं है. लेकिन बातचीत की प्रकिया टूटनी नहीं चाहिए. यूपीए सरकार इसी नीति पर चल रही थी.
सवाल- क्या हिंदुस्तान में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन सही है?
जवाब- मुझे जो कहना था कह दिया, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना.