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जब लोकसभा में सांसद ने बताया- सरोगेसी से पैदा हुए थे भगवान बलराम

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बिल बहुत अच्छा है लेकिन इसे और आधुनिक बनाने की जरूरत है, ताकि हर दंपति बच्चे का सुख हासिल कर सके.

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टीआरएस सांसद बी. एन गौड (फेसबुक फोटो)
टीआरएस सांसद बी. एन गौड (फेसबुक फोटो)

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लोकसभा में बुधवार को भारी हंगामे के बीच सरोगेसी रेगुलेशन विधेयक 2016 को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिल को पेश करते हुए कहा कि इस बिल के जरिए महिलाओं के उत्पीड़न पर रोक लगेगी साथ ही व्यावसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाकर मां और बच्चे के अधिकारों को संरक्षित किया जाएगा.

सरोगेसी बिल पर चर्चा के दौरान टीआरएस सांसद बी. एन गौड ने कहा कि सरोगेसी सिर्फ आधुनिक विज्ञान नहीं है बल्कि हिन्दू पौराणिक कथनों में भी इसका जिक्र है. उन्होंने कहा कि भगवान बलराम भी सरोगेसी से पैदा हुए थे. सांसद ने बताया कि देवकी के गर्भ को माया ने रोहिणी में ट्रांसफर किया था. उन्होंने कहा कि रामायण से लेकर महाभारत में भी सरोगेसी का विवरण दिया गया है.    

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चर्चा में हिस्सा लेते हुए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह सामाजिक सरोकारों से जुड़ा बिल है और सरोगेसी मातृत्व से जुड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा प्रजनन क्षमता होने के बावजूद भी कई मामलों में मां और पिता बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं. सुले ने कहा कि बिल बहुत अच्छा है लेकिन इसे और आधुनिक बनाने की जरूरत है, ताकि हर दंपति बच्चे का सुख हासिल कर सके.

टीएमसी सांसद काकोली घोष ने सरोगेसी बिल के पक्ष में अपने विचार रखते हुए कहा कि फैशन और फिगर के लिए बॉलीवुड स्टार्स सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनते हैं जो पूरी तरह से बंद होना चाहिए. साथ ही उन्होंने व्यावसायिक सरोगेसी को अपराध की श्रेणी में लाकर इसे बैन किए जाने की मांग की.

सरोगेसी बिल पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि व्यावसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए यह बिल लाया गया है, विधि आयोग और सुप्रीम कोर्ट की राय भी इससे मिलती है. साथ ही परिवार में बच्चा न होने पर आधुनिक विज्ञान के इस्तेमाल से परिवार को बच्चा मिले इसका भी ध्यान रखा गया है. नड्डा ने कहा जो भी सरोगेसी के विकल्प को चुनना चाहते हैं उन्हें इनफर्टिलिटी का सर्टिफिकेट 90 दिनों के भीतर देना होगा.

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