अपने अजब-गजब बयानों के कारण विवादों में घिरे रहने वाले गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सली हमले पर बोलने में बहुत देर कर दी. इतना ही नहीं, वे स्वदेश लौटे भी, तो बहुत देर से. अब उन्होंने इस पर 'सफाई' पेश की है.
छत्तीसगढ़ में बड़े नक्सली हमले के बावजूद अमेरिका में ही रुके रहने पर गृहमंत्री ने कहा कि वे 28 मई को आंखों के डॉक्टर से सलाह लेने के लिए वहां रुके थे.
अमेरिका से लौटने के कई घंटे बाद सुशील शिंदे ने कहा कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर से अपनी आंखों की जांच के लिए अपने ठहरने की अवधि को 23 से 29 मई तक बढ़वाने के लिए उन्होंने ऊपरी स्तर से अनुमति ली थी. अमेरिका में उन्होंने 20 से 22 मई तक भारत-अमेरिका गृह सुरक्षा बैठक में भाग लिया.
गृहमंत्री ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें 28 मई की तारीख दी थी, क्योंकि वे मलेशिया गए हुए थे. डॉक्टर से सलाह लेने के बाद वह 29 मई को भारत के लिए लौट आए. उन्होंने कहा कि इस बीच दो दिन वीकएंड के थे और 27 मई को यूएस मेमोरियल डे था.
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने इंटरनेट आधारित संचार के इन दिनों में अमेरिका से ही जगदलपुर घटना की भर्त्सना क्यों नहीं की, शिंदे ने कहा कि वे गृह मंत्रालय के अधिकारियों से नियमित संपर्क बनाए हुए थे और उन्हें अमेरिका से कोई बयान जारी करने की जरूरत महसूस नहीं हुई.
उन्होंने कहा, ‘वे लोग जो केवल बयान में रुचि रखते हैं, वे इस पर विचार कर सकते हैं.’ शिंदे ने कहा कि वे नक्सलियों द्वारा 25 मई को कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोगों की नृशंस, बर्बरतापूर्ण और अमानवीय हत्या की भर्त्सना करते हैं.