केरल में वामपंथियों की हिंसा के खिलाफ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जनरक्षा पदयात्रा में हिस्सा लिया. केरल में 03 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस 15 दिवसीय जनरक्षा पदयात्रा के 10वें दिन केरल के इट्टुमनोर से कोट्टयम तक आयोजित 12 किमी लंबी पदयात्रा की.
इसके बाद उन्होंने एक बाद जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंसा की बुनियाद पर खड़े वामपंथियों का पूरी दुनिया से सफाया हो चुका है. भारत में भी केवल दो राज्यों त्रिपुरा और केरल में सिमट गए हैं. सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता भी ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं, लेकिन हमारा विश्वास लोकतंत्र में हैं. हम अगले चुनाव में भारत से इनका सफाया कर जवाब देंगे. कम्युनिस्टों का लोकतंत्र में कभी विश्वास नहीं रहा है. इसलिए किसी भी कम्युनिस्ट शासित देश में एकदलीय चुनाव पद्धति को अपनाने के साथ ही नागरिक अधिकारों को छीनने, विरोध प्रदर्शनों पर रोक और अखबारों पर सेंसरशीप आम बात रही है.
सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस-बीजेपी की बढ़ती ताकत से घबराकर केरल में सरकार संरक्षित हिंसा में बीजेपी व सहयोगी संगठनों के 120 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. जिनमें मुख्यमंत्री पी विजयन के गृहजिला कन्नूर में ही हत्या की 84 घटनाएं हुई हैं. इनके खिलाफ 03 अक्टूबर को कन्नूर से ही जनरक्षा पदयात्रा की शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की थी. आज 10वें दिन की पदयात्रा में भी 10 हजार से अधिक बीजेपी और सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए.
बिहार में सीपीएम कभी पनप नहीं पाई लेकिन जिन इलाकों में कम्युनिस्टों का प्रभाव था. वहां किसी दूसरे को घुसने नहीं दिया जाता था. बिहार में कभी ताकतवर होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी का आज कोई नाम लेने वाला नहीं है. आने वाले दिनों में खूनी खेल खेलने वाले वामपंथियों का केरल से भी सफाया तय है.
गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने केरल में बीजेपी-आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में प्रदेश की माकपा सरकार के खिलाफ जनसमर्थन हासिल करने के लिए रैली में शिरकत की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि बंदूक की नोंक पर सत्ता हासिल करना वामपंथियों की प्रकृति है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की यह यात्रा केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में कम्यूनिस्ट सरकारों के लिए आइना है.