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28 साल में 30 संपत्ति के मालिक हैं तेजस्वी यादव: सुशील मोदी

सुशील कुमार मोदी सत्ता में आने और बिहार के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद भी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति का खुलास करते आ रहे हैं. हालांकि ये सिलसिला उन्होंने इसी साल अप्रैल से शुरू किया था लेकिन 26 जुलाई को बिहार की सत्ता के बाद भी यह सिलसिला रुका नहीं.

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सुशील मोदी
सुशील मोदी

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री 28 सालों में 30 संपत्तियों के मालिक बन गए. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दो और संपत्तियों का और खुलासा करते हुए तेजस्वी यादव के 30वीं संपत्ति का खुलासा कर दिया.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज बिहार के जो विरोधी दल के नेता प्रतिपक्ष हैं वो 28 साल की उम्र में 30 संपत्तियों के मालिक बन गए. और जब इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी कार्रवाई कर रही है तो बस एक ही जवाब इनके पास है कि बदले के भावना से कार्रवाई की जा रही है. इसका कोई जवाब नहीं है कि ये संपत्ति आई कहां से.

उन्होंने कहा, "पिछली बार भी जब मैंने प्रेस किया तो कोई जवाब नहीं दिया, तो लालू यादव और उनके पूरे परिवार ने किस तरह से बिहार को लूटने का काम किया है, लोगों को ठगने का काम किया है, और लोगों का काम करवाने के एवज में जमीन लिखवाने का काम किया है."

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सुशील कुमार मोदी सत्ता में आने और बिहार के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद भी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति का खुलास करते आ रहे हैं. हालांकि ये सिलसिला उन्होंने इसी साल अप्रैल से शुरू किया था लेकिन 26 जुलाई को बिहार की सत्ता के बाद भी यह सिलसिला रुका नहीं. बुधवार को मोदी ने तेजस्वी यादव की दो और संपत्तियों का खुलासा किया. हालांकि इस खुलासे में तेजप्रताप यादव भी शामिल हैं.

मोदी ने मो शमीम नाम के व्यक्ति के वसीयत का खुलास किया. मोदी ने बताया कि शमीम ने दो प्लाट तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को वसीयत कर दी. शमीम को 1998 से 2001 तक एमएलसी बनने का मौका मिला था. लेकिन बुधवार का खुलासा इसी से जुड़ा हुआ है. इस बार कुमार राकेश रंजन नाम के व्यक्ति द्वारा दो प्लाट की वसीयत तेजस्वी और तेजप्रताप को करने का मामला था. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि कुमार राकेश रंजन 1999 से 2006 तक दो बार एमएलसी बने.

खास बात ये भी है कि इन दोनों ने वसीयत तेजप्रताप और तेजस्वी के नाम से की थी. लेकिन पावर ऑफ एटोर्नी राबड़ी देवी को बनाया था. राबड़ी देवी अपने चुनाव एफीडेविट में इन संपत्तियों को दिखाती भी हैं. मो. शमीम और कुमार राकेश रंजन दोनों ने अपने दो-दो प्लाट का पावर ऑफ एटोर्नी राबड़ी देवी के नाम और वसीयत तेजप्रताप और तेजस्वी के नाम एक ही दिन यानि 12 मई 2005 को किया था. सुशील मोदी कहते हैं कि ये दिन लालू के परिवार के लिए खुशियां लेकर आया था. दोनों वसीयत पर एक दूसरे के गवाह भी बने.

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दोनों मामलों में वसीयत में यह कहा गया है कि मेरे मरने के बाद इन संपत्तियों के हकदार तेजस्वी और तेजप्रताप होंगे. लेकिन इस दौरान पॉवर ऑफ एटोर्नी राबड़ी देवी के पास ही रहेंगी. दोनों की अपनी संतानें भी हैं लेकिन फिर भी वसीयत लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेटों के नाम पर कर दिया.

सुशील कुमार मोदी का आरोप है कि दोनों को एमएलसी बनाने के एवज में करोड़ों की जमीन का वसीयत करवा लिया गया.

 

 

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