बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से टेलीफोन पर बातचीत की. उन्होंने सुषमा को इस बात से अवगत कराया कि किस तरीके से नालंदा की एक संस्था से एक विदेशी दंपति ने एक 3 साल की बच्ची को कुछ वक्त पहले गोद लिया था और उसे अमेरिका ले गए थे. जहां उसकी संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई.
बच्चों को गोद लेने के नियमों पर हो पुनर्विचार
गौरतलब है कि नालंदा से गोद ली हुई बच्ची जिसका नाम सरस्वती उर्फ शेरिन मैथ्यू था, उसकी हत्या अमेरिका के टेक्सास में कर दी गई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सुशील मोदी ने आग्रह किया कि विदेशी दंपत्तियों को भारतीय बच्चों को गोद लेने के नियमों पर पुनर्विचार करना चाहिए. क्योंकि विदेश गए भारतीय बच्चों की ट्रैकिंग संभव नहीं हो पाती है. मोदी ने साथ ही सरस्वती उर्फ शेरिन मैथ्यू हत्या मामले में भी बच्ची को गोद लेने वाले विदेशी पिता को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की जिससे इस मामले को तार्किक परिणीति तक पहुंचाया जा सके.
डेढ़ साल की बच्ची को लिया था गोद
23 जून 2016 को नालंदा स्थित मदर टेरेसा अनाथ सेवा संस्थान से केरल निवासी अप्रवासी अमेरिकी दंपति, वेसली और सीनी मैथ्यू ने डेढ़ साल की बच्ची सरस्वती को गोद लिया था. बाद में उसका नाम शेरिन मैथ्यू कर दिया था. सरस्वती लावारिस हालत में बिहार के गया जिले में पाई गई थी जिसके बाद 14 फरवरी 2015 को इसे नालंदा के अनाथ आश्रम को सौंप दिया गया था.
बिहार सरकार ने विदेश मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
सरस्वती हत्या मामले को गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्रालय ने बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी थी कि विदेशी दंपति द्वारा सरस्वती को गोद लेने के लिए सभी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई थी या नहीं? बिहार सरकार ने विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है कि सरस्वती को गोद लेने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी की गई थीं और कानूनी तरीके से विदेशी दंपति ने उसे गोद लिया था.
गौरतलब है कि गोद देने वाली संस्था को पिछले 15 सितंबर 2017 को वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोप में बंद कर दिया गया है.