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गडकरी बोले- बीमार पड़ा तो डॉक्टर को घर लेकर चली आई थीं सुषमा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सुषमा स्वराज ने अपने कार्यकाल में दुनिया में भारत की इज्जत बढ़ाने का काम किया. उनकी तरह राष्ट्रवादी और पार्टी समर्पित नेता बहुत कम होते हैं.

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नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

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पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज हमारे बीच नहीं हैं. बुधवार को दिल्ली के एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनके साथ बिताए पल और यादों को लेकर ट्वटिर पर वीडियो शेयर किए हैं. गडकरी ने कहा 'यकीन नहीं होता कि वो हमारी बीच नहीं है. उनका इस तरह से छोड़कर जाना देश, पार्टी के साथ मेरा व्यक्तिगत और पारिवारिक नुकसान है.' गडकरी ने कहा कि वह मेरी बड़ी बहन की तरह थीं. वो मेरे साथ हमेशा रहेंगी क्योंकि मेरा उनके साथ गहरा नाता था.

गडकरी ने कहा कि 'सुषमाजी में मुझे अपनी बड़ी बहन का रूप दिखाई देता था. उन्हें मेरी फिक्र रहती थी. एक बार मैं बीमार हो गया था, उन्हें जब इसकी जानकारी हुई तो वह मेरे घर डॉक्टर लेकर आ गई थीं.  मेरी मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी ली. इसके बाद मुझे लापरवाही ना करने की सख्त हिदायत दी. खाने का शौकीन होने के बावजूद मैंने बड़ी बहन की बातों को गंभीरता से लिया. गडकरी ने कहा कि अपने सहयोगियों का फिक्र करने वाले ऐसे लोग कम ही मिलते हैं.

गडकरी ने कहा कि जब मैं भाजपा का पार्टी अध्यक्ष था तो उस वक्त उनका मुझे बहुत सहयोग मिला. पार्लियामेंट्री बोर्ड में कई बार सहमति नहीं बन पाती थी, ऐसे में वो मेरी मदद किया करती थीं. पार्टी के अंदर कई बार ऐसी स्थिति आईं, जिसमें फैसला लेना बहुत कठिन होता था. उन्होंने कहा 'सुषमाजी ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया और हर काम को बड़ी सहजता से करने का रास्ता बताया. पार्टी में मतभेद होने पर वो डटकर उचित मत का समर्थन करतीं थीं.'

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गडकरी ने कहा कि सुषमा स्वराज का आखिरी ट्वीट मन को वेदना देने वाला है. वह रात 8.45 बजे तक ठीक थीं. अनुच्छेद-370 हटाए जाने को लेकर वह खुश थीं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने का इंतजार कर रही थी. उनका ये ट्वीट भावुक कर देने वाला था. गडकरी ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में दुनिया में भारत की इज्जत बढ़ाने का काम किया. गडकरी ने कहा कि उनकी तरह राष्ट्रवादी और पार्टी समर्पित नेता विरले ही होते हैं.

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