जम्मू-कश्मीर के अलगावादी नेता यासीन मलिक ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि कश्मीर के लोग 'थर्ड पार्टी' नहीं हैं. मलिक ने आरोप लगाया कि सुषमा स्वराज शिमला समझौते की गलत व्याख्या पेश कर रही हैं.
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चेयरमैन यासीन मलिक ने कहा कि शिमला समझौते में जो तीसरे पक्ष का जिक्र है, उसका मतलब किसी दूसरे देश से है. उन्होंने कहा कि इस विवाद में कश्मीरी किसी और देश के नहीं हैं, बल्कि वे तो इस समस्या के मूल में हैं.
Kashmiri people are real owners of Kashmir, they will not surrender their ownership: Yasin Malik pic.twitter.com/upAouQEcyN
— ANI (@ANI_news) August 22, 2015
We were having hopes that issue will be resolved through dialogue process but its becoming a murky situation:Yasin Malik
— ANI (@ANI_news) August 22, 2015
People of Kashmir will continue their struggle until they achieve their goal of freedom: Yasin Malik pic.twitter.com/MH18x9c3RP
— ANI (@ANI_news) August 22, 2015
बातचीत टूटती है, तो निराशा होगी
यासीन मलिक ने कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच NSA स्तर की बातचीत नहीं होती है, तो यह निराशाजनक होगा, लेकिन वे अपना काम करते रहेंगे.
यासीन ने सुषमा स्वराज से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीरियों को बातचीत में शामिल करके शिमला समझौते के खिलाफ काम कर रहे थे?