पाकिस्तानी बच्चे रमजान की घर वापसी की उम्मीदें परवान चढ़ती नजर आ रही हैं. रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रमजान से मुलाकात की. सुषमा ने कहा कि हम रमजान को पाकिस्तान भेजने को तैयार हैं अब यह पड़ोसी मुल्क पर है कि वह उसे अपनाता है या नहीं.
रविवार को भोपाल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रमजान से मुलाकात की. उन्होंने कहा, 'रमजान की मां भारत आने को तैयार हों तो हम वीजा दे सकते हैं. हम रमजान को उसकी मां से मिलाना चाहते हैं. अब यह पाकिस्तान पर है कि वह उसे स्वीकार करता है या नहीं.'
सुषमा ने आगे कहा, 'जब मुझे रमजान के बारे में पता चला तो मैंने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को रमजान की मां से मिलने और उनसे यह पूछने को कहा कि क्या वो अपने बेटे से मिलने भारत आना चाहती हैं. मैंने तो यह भी कहा था कि अगर दस्तावेज पूरे न हों तो सबूत के तौर पर वह डीएनए टेस्ट भी करा सकते हैं.'
विदेश मंत्री से मिलने के बाद रमजान ने कहा, 'मैडम से मिलने के बाद देश वापस जाने की उम्मीद जगी है. मैंने अपनी मां को कहा है कि यहां का माहौल ठीक है, उन्हें वहां किसी ने मना किया है इसलिए वो नहीं आ पा रहीं.' मैडम से मिलकर कुछ उम्मीद जगी है कि मैं वापस अपनी मां के पास जा पाऊंगा.'
Pakistan boy Ramzan meets EAM Sushma Swaraj in Bhopal. pic.twitter.com/eZ5frniovU
— ANI (@ANI_news) November 22, 2015
Maine unhe kaha ki yahaan ka mahaul theek hai,wahaan se kisi ne mana kia hai isliye woh nhi aa paa rhi hain: Ramzan pic.twitter.com/5lqyq9VIuI
— ANI (@ANI_news) November 22, 2015
I met #Ramzan in Bhopal today. pic.twitter.com/CulabdSbrC
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) November 22, 2015
क्या है रमजान की कहानी
गौरतलब है कि रमजान का परिवार कराची में रहता था. 2009 में रमजान की मां रजिया बेगम और पिता मोहम्मद काजल के बीच तलाक हो गया और काजल अपने दोनों बच्चों रमजान और उसकी बहन जोरा को साथ लेकर उसकी मां से अलग रहने लगा. रजिया और काजल के बीच हुए एक समझौते के तहत जोरा अपनी मां के साथ कराची में रहने लगी और रमजान को लेकर उसके पिता वर्ष 2010 में बांग्लादेश चले गए. वहां उन्होंने दूसरी शादी कर ली. दूसरी शादी के बाद पिता का व्यवहार बदल गया और सौतेली मां से भी प्रताड़ना मिलने लगी.
ऐसे में रमजान को अपनी मां की याद सताने लगी. कराची लौटने के लिए रमजान ढाई साल पहले बांग्लादेश से भारत में घुस आया और यहां रांची, मुम्बई, दिल्ली और कई शहरों में भटकता रहा. बाद में उसे भोपाल रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने पकड़ लिया. पूछताछ के बाद रमजान को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया. रमजान फिलहाल भोपाल में बच्चों के आश्रय घर ‘उम्मीद’ में अक्टूबर 2013 से रह रहा है.