विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि यह पाकिस्तान की ओर से जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेताओं को मिलने वाली छूट का सीधा परिणाम था.
भारत ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के एक प्रमुख आतंकवादी शिविर को तबाह किया था. पाकिस्तान का निकट सहयोगी चीन जैश के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी करार देने के भारत के प्रयासों को बार बार नाकाम कर चुका है. वांग यी के साथ सुषमा की यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. जैश पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में दर्ज है.
भारत 2009 मे ही अजहर मसूद को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी करार देने का प्रस्ताव पेश कर चुका है. इसके बाद भारत ने 2016 में अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए पी3 - अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस - के साथ संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति में दूसरी बार प्रस्ताव पेश किया. अजहर मसूद जनवरी 2016 के पठानकोट वायु ठिकाने पर हमला का भी आरोपी है. इसके बाद, 2017 में पी3 देशों ने इसी तरह का एक प्रस्ताव पेश किया था.
बहरहाल, हर बार चीन ने अजहर पर भारत के प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया. रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान स्वराज ने कहा, मैं ऐसे वक्त में चीन आई हूं जब भारत में शोक और गुस्से का माहौल है. यह जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ सबसे भीषण हमला था. उन्होंने कहा, यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया है.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद मंगलवार को तड़के भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक और टॉप कमांडर मारे गए.
स्वराज ने रेखांकित किया कि जैश-ए-मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित संगठन है. उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग से कहा कि यह आतंकवादी हमला पाकिस्तान की ओर से जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेताओं को मिलने वाली छूट का सीधा परिणाम था. उन्होंने कहा, पुलवामा हमले के बाद पूरे संयुक्त राष्ट्र ने एक स्वर में इसकी निंदा की.
मंगलवार सुबह चीन के वुझेन में स्वराज ने वांग यी से मुलाकात के दौरान कहा कि यह 2019 में उनकी पहली बैठक है और ऐसे में यह द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिहाज से दोनों पक्षों के लिए सही समय है. स्वराज ने वुहान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वार्ता का हवाला देते हुए कहा कि हमने संबंधों में ठोस प्रगति की है.
उन्होंने वांग से यह भी कहा कि यह दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है कि वे दोनों नेताओं द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करें. दोनों नेताओं ने प्रयास किए और हमें उन्हें जारी रखना चाहिए.
वांग ने अपने बयान में पिछले साल वुहान में मोदी और शी के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक का जिक्र करते हुये कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अब नए आयाम पर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा, हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलू ठीक से चल रहे है. दोनों ही राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारे द्विपक्षीय संबंधों को लेकर ज्यादा आशान्वित हैं. 2019 में हम दोनों नेताओं के बीच बनी आम सहमति पर काम करना जारी रखेंगे.