इराक में सुन्नी आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए 39 भारतीय कामगार सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन-पानी मुहैया कराया जा रहा है. यह जानकारी गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी.
मंत्री ने लोकसभा में बताया, 'सरकार को विभिन्न सूत्रों से जानकारी मिली है कि वे (भारतीय कामगार) सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन-पानी मिल रहा है.'
भारतीयों को इराकी शहर मोसुल में बंदी बनाकर रखा गया है. सुषमा स्वराज ने उनकी वापसी के लिए सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई का ब्योरा देने से मना कर दिया. उन्होंने पूछा, 'गोपनीयता पहला सिद्धांत है. फिर मैं कार्य योजना का खुलासा कैसे कर दूं?'
सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने खाड़ी देशों के अपने सभी समकक्षों से फोन पर बात की है और उनके नई दिल्ली स्थित राजदूतों से मुलाकात भी की है.
उन्होंने कहा कि विदेश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अंतर-मंत्रालयी स्थायी समूह सक्रिय रूप से इराक से भारतीयों को लाने के सुरक्षित और तेज उपाय में जुटा है. उन्होंने कहा कि 22 जुलाई तक 4000 भारतीय नागरिकों को भारत लौटने में सहायता मुहैया कराई गई है.
उन्होंने बताया, 'हमने बसरा, नजफ और कर्बला में विशेष कैंप स्थापित किए हैं और बगदाद स्थित अपने दूतावास में 25 और सदस्यों को शामिल कर क्षमता बढ़ाई है.'
सुषमा स्वराज ने केरल के कांग्रेसी सांसद के. सी. वेणुगोपाल द्वारा लाए गए प्रस्ताव का उत्तर दिया. कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह, आम आदमी पार्टी के धरमवीर गांधी ने इराक में भारतीय नागरिकों की हालत के बारे में पूछा था.