ईरान की जेल से रिहा किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को नौ भारतीय नाविक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिले. सुषमा ने कहा कि वह अपने अनुरोध पर इतनी तेजी से कार्रवाई करने के लिए ईरानी सरकार की शुक्रगुजार हैं.
ये नाविक एक जहाज के चालक दल के सदस्य थे. नाविक तेल की तस्करी के आरोपों को लेकर पिछले दो साल से जेल में बंद थे और उन्हें मंगलवार को रिहा किया गया.
राखी ना सही भाईदूज से पहले मिले भाई-बहन
सुषमा ने कहा , ‘उन्हें यहां देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. मैं खुश हूं कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी उतर पायी. अगस्त महीने में सुशील (उनमें से एक नाविक) की बहन अपनी मां के साथ मुझसे मिलने आई थी और अनुरोध किया कि मैं उसके भाई को राखी से पहले वापस घर लेकर आऊं. राखी में तब केवल दस दिन बाकी थे इसलिए अब इस बात से खुश हूं कि राखी ना सही, कम से कम हम उन्हें भाईदूज से पहले लेकर आ गए.’
विदेश मंत्री ने साथ ही कहा कि नाविक पहले ही दो साल की सजा काट चुके हैं लेकिन उन पर लगाया गया जुर्माना इतना ज्यादा था कि अगर वह पूरी जिंदगी भी जेल में बिताते तब भी जुर्माने की राशि नहीं भर पाते. उन्होंने कहा, ‘हम ईरान सरकार के शुक्रगुजार हैं. जब उनके विदेश मंत्री भारत आए तो हमने नाविकों की रिहाई का मुद्दा उनके सामने उठाया था.’ ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ की यात्रा के दौरान सुषमा ने यह मुद्दा उठाते हुए इन भारतीयों को रिहा करने का अनुरोध किया था.
- इनपुट भाषा