विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि पाकिस्तान भले ही दावा करे लेकिन सच तो यह है कि कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जाया जा सकता, शिमला और लाहौर समझौते में इस बारे में बहुत साफ-साफ कहा गया है. विदेश मंत्री ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान, चीन और अमेरिका तीनों को एक साथ संदेश देने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को तीन स्तंभ के आधार पर तैयार किया है. पहला-हम सभी मसलों को वार्ता के माध्यम से हल करना चाहते हैं. दूसरा-इन मसलों में किसी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती. तीसरा-आतंक और वार्ता एकसाथ नहीं चल सकते.
सुषमा स्वराज ने कहा, 'ट्रंप के पेरिस समझौते से बाहर होने पर सुषमा ने कहा कि ट्रंप के आने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आया है. पीएम मोदी ने ट्रंप से तीन बार बात की है. वित्त मंत्री जेटली ने वहां का एक सफल दौरा किया है.
चीन द्वारा उत्तराखंड में भारतीय हवाई सीमा के उल्लंघन के मसमले पर सुषमा ने कहा कि हम इस मसले को चीन सरकार के सामने उठाएंगे. एनएसजी का सदस्य बनने के भारत के प्रयास पर सुषमा ने कहा कि इस बारे में हम चीन के संपर्क में हैं. हमें सदस्यता योग्यता की वजह से मिलनी चाहिए. हम एक इसे हासिल करने में कामयाब होंगे.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा निराधार है कि काबुल हमले में पाकिस्तानी भूमिका होने की बात अफगानिस्तान सरकार भारत के दबाव में कर रही है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाहौर नवाज शरीफ के आमंत्रण पर गए थे. लेकिन उसके बाद परिस्थितियां काफी बदल गईं. नए साल में पठानकोट की घटना हुई. इसके बाद बुरहान वानी को स्वतंत्रता सेनानी घोषित किया गया, जबकि वह घाटी में एक आतंकवादी संगठन चला रहा था. इसके बाद जाधव का मामला सामने आया.
उन्होंने कहा कि हमें अब परिस्थियितों की नए संदर्भ और घटनाक्रम में समीक्षा करनी होगी. पाकिस्तान के साथ हमारी न नीति में कोई फेरबदल नहीं हो रहा. पाकिस्तान ने ही पठानकोट मामले की जांच रोकी है. उन्होंने कहा कि अस्ताना में मोदी और शरीफ के बीच कोई मुलाकात तय नहीं है.
जाधव मामले पर सुषमा स्वराज ने कहा कि हम इस मामले में अंतरिम स्टे हासिल करने में सक्षम हुए हैं. हुर्रियत की फंडिंग के मामले में सुषमा स्वराज ने कहा कि गृह मंत्रालय इस मामले की जांच कर रहा है.
एच1बी वीजा मसले को ट्रंप के समक्ष उठाएंगे पीएम
एच1बी वीजा के मामले में सुषमा स्वराज ने कहा कि अभी तक तो इसमें तो कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन यह चिंता की बात है. पहले कोई कानून तो बने. मैं भरोसा देती हूं कि हम इस मामले में ट्रंप प्रशासन के साथ संपर्क में हैं. प्रधानमंत्री मोदी इस मसले को उठाएंगे.' उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका रिश्ते पारस्परिक फायदे पर आधारित हैं. अमेरिका के साथ हमारी सामरिक साझेदारी काफी मजबूत है. भारत ने पेरिस समझौते पर दस्तखत किसी दबाव में नहीं किया है. हमने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि प्रकृति मां के साथ हमारा जुड़ाव है.
दुनिया में बढ़ रहा भारत का महत्व
सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले छह साल (यूपीए के 3 साल और एनडीए के 3 साल) में एफडीआई में 37.5 फीसदी की जबर्दस्त बढ़त हुई है. भारत का महत्व दुनिया भर में बढ़ रहा है. एनआरआई का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. विदेश में जब भी कोई विदेशी मुसीबत में होता है, तो उसे यह भरोसा होता है कि हम उनके साथ रहेंगे. भारतीयों की सुरक्षा विदेश मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि विदेश में मुसीबत में फंसे करीब 80,000 भारतीयों को भारत लाया गया है. उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सेवा में सुधार किया गया है और उसका विस्तार भी किया गया है.