कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह का बयान भी प्रज्ञा ठाकुर, मेनका गांधी, अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ), मायावती जैसा है. इस नेताओं के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की गई है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को आयोग ने क्लीन चिट दे दी है. अपने हलफनामे में सुष्मिता देव ने कहा कि चुनाव आयोग को आचार संहिता और पीपुल्स एक्ट 1951 के उल्लंघन के तहत ही मोदी और शाह पर कार्रवाई करनी चाहिए.
कांग्रेस सांसद, सुष्मिता देव ने SC के समक्ष भी एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि 'चुनाव आयोग ये बात जानने में विफल रहा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की हेट स्पीच पीपुल एक्स, 1951 की धारा 131ए के तहत नुकसान दायक (Corrupt Practice) है.
Congress MP, Sushmita Dev has filed an additional affidavit before the SC stating that "the respondent ECI failed to appreciate that the hate speeches delivered by Narendra Modi and Amit Shah are ‘corrupt practices’ under Section 123A of the Representation of People Act, 1951"
— ANI (@ANI) May 7, 2019
चुनाव आयोग द्वारा क्लीनचिट मिलने के बाद कथित आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो 24 घंटे के भीतर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला करे.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली थी. सुष्मिता देव ने याचिका में कहा था कि पीएम मोदी और अमित शाह ने हेट स्पीच का इस्तेमाल किया है. चुनाव आयोग की मनाही के बावजूद राजनीतिक प्रचार के लिए बार-बार सशस्त्र बलों का इस्तेमाल किया है. बावजूद इसके चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने 'आदर्श आचार संहिता' को 'मोदी आचार संहिता' में बदलने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर आयोग कार्रवाई नहीं करता है तो वह इस मुद्दे पर कोर्ट जा सकती है. दोनों नेताओं द्वारा आचार संहिता उल्लंघन के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने आंखें बंद कर रखी हैं.
सिंघवी ने कहा था कि यह बात ठीक है कि हमारी शिकायतों के आधार पर आयोग ने कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन मोदी और शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. क्या इस देश में दो कानून हैं. एक आम लोगों के लिए और दूसरा मोदी और शाह के लिए.
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