पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में श्रीराम सेना के विजयपुरा जिला अध्यक्ष राकेश मथ को पूछताछ के लिए समन भेजा है. वहीं श्रीराम सेना ने इस मामले में गिरफ्तार परशुराम वाघमारे से पल्ला झाड़ते हुए उसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य बताया है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एसआईटी ने मथ से पूछताछ करने का निर्णय किया है क्योंकि गौरी को गोली मारने वाला संदिग्ध परशुराम वाघमारे इसी हिंदुत्ववादी संगठन का सक्रिय सदस्य है. एसआईटी में शामिल इस अधिकारी ने बताया कि वह इस बात का पता लगाना चाहते हैं कि गौरी की नृशंस हत्या में कहीं मथ का भी तो हाथ नहीं है अथवा इस साजिश में शामिल होने के लिए उन्होंने वाघमारे का 'ब्रेनवाश' तो नहीं किया है.
गौरतलब है कि कर्नाटक में विजयपुरा जिले के सिंदागी शहर में जनवरी 2012 में तहसीलदार कार्यालय के बाहर पाकिस्तानी झंडा फहराया गया था जिससे कि सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जा सके. मथ और वाघमारे कथित रूप से इसमें शामिल थे.
एसआईटी का मानना है कि कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों और मंगलुरू सहित तटीय इलाकों में मथ का मजबूत आधार है. अधिकारी ने कहा , 'हमने राकेश मथ को पूछताछ के लिए बुलाया है. वह अब तक नहीं आया है.'
गौरी लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को बेंगलुरु स्थित आवास के प्रवेश द्वार पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस बीच, श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक ने खुद को और अपने संगठन को वाघमारे और गौरी की हत्या से अलग कर लिया है.
मुतालिक ने कहा, 'श्रीराम सेना और वाघमारे के बीच कोई संबंध नहीं है. वह न तो हमारा सदस्य है और न ही हमारा कार्यकर्ता है. यह मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं.' उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी झंडा फहराने का मामला सामने आया था तो कहा गया कि वाघमारे श्रीराम सेना का सदस्य है. हालांकि, उन्होंने यह साबित कर दिया कि वाघमारे उनके संगठन का नहीं, बल्कि आरएसएस का सदस्य है.
आरएसएस का कार्यकर्ता बताया
मुतालिक ने कहा, 'आरएसएस की वर्दी में मैंने उसकी तस्वीर साझा की. मैंने उस वक्त कहा था कि वह श्रीराम सेना का नहीं, बल्कि आरएसएस का कार्यकर्ता था.' वहीं परशुराम वाघमारे के पिता अशोक वाघमारे ने कहा कि उसका पुत्र निर्दोष है, लेकिन यह नहीं कह सकता कि वह (परशुराम) लंकेश की हत्या के दिन पांच सितंबर को कहां था.
बता दें कि एसआईटी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कथित शूटर परशुराम वाघमारे को सिंदागी से गिरफ्तार किया था. सिद्धारमैया सरकार ने पुलिस महानिरीक्षक बी के सिंह और जांच अधिकारी एम एन अनुचेत के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. अब तक वाघमारे समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.